क्या है रायनोवायरस, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वो Corona को दे सकता है मात

कोरोना वायरस के दूसरी लहर पूरे देश में तांडव मचाई हुई है। राहत के तमाम तरीकों के अपनाने के बाद भी कोरोना वायरस का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब एक नई रिपोर्ट में ऐसा खुलासा सामने आ रहा है कि कॉमन कोल्ड वाला वायरस शरीर में घुसकर कोरोना वायरस को हरा सकता है। सामान्य सर्दी-जुकाम वाले वायरस को राइनो वायरस कहा जाता है। फिलहाल इस रिपोर्ट की पूरी पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन अगर सच में ऐसा हुआ तो यह खबर पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी राहत की खबर होगी।

जाने कैसे काम करता है यह वायरस

वायरस भी हम इंसानों की तरह ही अपना स्वामित्व के लिए आपस में लड़ते हैं और जो ताकतवर रहता है वही वहां पर मौजूद रह पाता है। इसी प्रकार राइनो वायरस को शरीर में डालकर कोरोना वायरस को निकाला जा सकता है क्योकि यह सर्दी जुकाम वाला वायरस शरीर में जाकर कोरोनावा यरस को अपने अस्तित्व के लिए बाहर निकाल देगा। राइनो वाइरस की मदद से कोरोना वायरस को कुछ हद तक होने का खतरा कम किया जा सकता है। यानी कि वायरस लोड को कम किया जाएगा। आगे कुछ दवाओं की मदद से मरीजों को ठीक किया जा सकता है। यह पूरी रिसर्च पत्रिका जर्नल ऑफ़ इन्फेक्शन रिलीज में प्रकाशित की गई है।

ऐसे किया गया रिसर्च

सेंटर फॉर वायरस रिसर्च की टीम ने एक प्रयोग के दौरान कोशिकाओं का एक ढांचा तैयार किया जो इंसान के स्वसन तंत्र के अनुसार काम करता है। इसमें सर्दी जुकाम के लिए जिम्मेदार राइनो वायरस और कोरोना वायरस दोनों  को एक साथ डाला गया। इस प्रयोग में ऐसा देखा गया कि इस कोशिका पर राइनो वायरस का कब्जा हो गया और कोरोना वायरस का प्रभाव लगभग कोशिका पर बेअसर हो गया। इस प्रयोग के आधार पर ऐसा अनुमान किया जा रहा है कि राइनो वायरस कोरोना वायरस को शरीर से बाहर निकाल सकता है।संक्रमण के 24 घंटों में अगर राइनो वायरस का प्रवेश करा दिया जाए तो कोरोना का डर लगभग ना के बराबर हो जाएगा।

 इस तरह का प्रयोग पहले भी किया जा चुका है जब यूरोपियन देश स्वाइन फ्लू से बुरी तरह प्रभावित थे तब  उस समय ठंड के मौसम में जिन लोगों को भी सर्दी जुकाम हुआ उन्हें स्वाइन फ्लू से मुक्ति मिल गई। राइनोवायरस को शॉर्ट फॉर्म में RB कहा जाता है, यह सर्दी जुकाम का कारण है, इससे मुख्य रूप से ऊपरी स्वसन तंत्र पर असर होता है। राइनोवायरस का प्रकोप मूलतः सर्दी और बसंत के मौसम में देखा जा सकता है, लेकिन साल भर में कभी भी हो सकता है।

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आमतौर पर या बिना दवा के ही ठीक हो जाता है, इससे मुख्य रूप से सर्दी, नाक बहना, हल्का बुखार और थकान जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ज्यादातर यह लक्षण एक हफ्ते में ठीक हो जाते हैं केस में यह दो हफ्तों तक भी रह सकता है। इसके लिए कोई भी एंटीवायरस दवा नहीं है और आम तौर पर इसकी जरूरत भी नहीं पड़ती है। शरीर का इम्यून सिस्टम इससे लड़कर सही कर देता है।

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