Indian Railways: ट्रेन के पुराने डिब्बों का आखिर क्या करती है रेलवे? सच्चाई जान उड़ जाएंगे होश

Indian Railways: देश के लाखों लोग प्रतिदिन ट्रेन से सफर करते हैं। यात्रियों को सुविधा हो इसके लिए रेलवे अक्सर अपने रेलवे सिस्टम, कोच एवं फ्लेटफॉर्म को अपडेट करते रहता है। अभी रेलवे लग्जरी ट्रेन, सवारी गाड़ी के साथ-साथ सेमी हाई स्पीड ट्रेन की संख्या में इजाफा कर रहा है। रेलवे द्वारा रेलगाड़ी के डिब्बों को खूब सुविधायुक्त बनाया जा रहा है। ट्रेन में आप जरूर सफर किए होंगे। क्या आपने सोचा कि आखिर इन ट्रेनों के पुराने डिब्बों का होता क्या है?

बताते चलें कि लोगों की सहूलियत का मद्देनजर इंडियन रेलवे ट्रेन डिब्बों को तेज से मॉडीफाई करने में लगी हुई है। ऐसे में कई ट्रेनों का LBH डिब्बों में रिप्लेस किया जा रहा है। जिन रेलगाड़ियों में आइसीएफ बोगियों का इस्तेमाल हो रहा है, इसका मॉडिफाई जारी है। इसके साथ-साथ हाईस्पीड रेलगाड़ियों के बोगियों में तेजी से काम चल रहा है।

रेलवे बोगी इतने सालों तक देते हैं सर्विस

ट्रेन के एक बोगी की एवरेज 30 साल आयु होती है। ज्यादातर डिब्बे 30 साल तक सर्विस देते हैं लेकिन कई बार कुछ डिब्बों से इससे अधिक साल तक इस्तेमाल किया जाता है। सवाल ये है कि उम्र कंप्लीट होने के बाद इसका किया होता है? रेलवे पुराने डिब्बों को डंप नहीं कर नए सिरे से इनका काम करता है, इनकी देख-रेख होती है और इन्हें फिर से नया जैसा ही बनाया जाता है।

indian railways पुराने डिब्बों की करती है नीलामी

कई बार रेलवे पुराने डिब्बों की नीलामी करती रहती है। हालांकि रेलवे डिब्बों की नीलामी में पहिए, ट्रॉली और बाकी पार्ट खुद के पास रखती है। जानकारी के अनुसार, रेलवे ज्यादातर डिब्बों की नियम के मुताबिक नीलामी करता है।

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यहां होता है यूज

ट्रेन के पुराने डिब्बों का रेलवे अन्य तरह से और यूज करती है। कई बार तो ट्रेन के पुराने डिब्बों का यूज रेलवे कर्मचारियों के लिए अस्थाई रूप से मकान के लिए होता है। बता दें कि जिन डिब्बों को कर्मचारियों के लिए अस्थाई घर बनाया जाता है उनका नाम कैंप हैं।

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