Reason for Applying Mahavar: हिंदू धर्म में सोलह सिंगार का काफी महत्व है और महिलाएं किसी भी शादी विवाह और पूजा पाठ में सोलह सिंगार जरूर करती हैं. यूपी बिहार और बंगाल में शादीशुदा महिलाएं महावर का इस्तेमाल जरूर करती हैं.
महावर के बिना महिलाओं का सिंगार अधूरा माना जाता है. लाल महावर महिलाओं की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देता है और इससे महिलाएं परियों की तरह खूबसूरत लगने लगती है.
कई राज्यों में पूजा पाठ के दौरान महावर लगाना बेहद शुभ माना जाता है और कई शुभ कार्यों में महावर का उपयोग जरूर किया जाता है. उड़ीसा बंगाल बिहार में महावर दुल्हनों को जरूर लगाया जाता है क्योंकि इसके बिना दुल्हनों का सिंगार अधूरा माना जाता है.
सोलह सिंगार में महावर का है खास स्थान(Reason for Applying Mahavar)
सोलह सिंगार में महावर का एक खास स्थान है और इसके बिना सुहागन का सिंगार अधूरा माना जाता है. अलता लगाने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और अलता सुहागन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. यही वजह है कि बहुत सारे राज्यों में सुहागन महिलाओं को अलता जरूर लगाया जाता है.
कन्याओं को भी लगाया जाता है महावर
आलता को मां लक्ष्मी का स्वरूप कहा गया है और यही वजह है कि नवजात बच्चियों और कुंवारी कन्याओं के पैरों में महावर लगाना शुभ माना जाता है. कन्याओं के पैर में अलता लगाकर पैर का छाप लिया जाता है ताकि घर में शुभ कार्य हो और संपन्नता बनी रहे.
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दक्षिण की दिशा के तरफ मुख करके नहीं लगना चाहिए आलता
बहुत से महिलाएं शुभ कार्य में महावर लगाना तो जरूरी समझती हैं. लेकिन किसी भी दिशा में बैठकर इसको अप्लाई कर लेती हैं. जबकि मान्यता के अनुसार महावर को कभी भी दक्षिण दिशा में मुख करके नहीं लगाना चाहिए. इसलिए आलता लगाते समय दिशा का ध्यान जरूर रखें.
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