Pregnancy Tips: प्रेगनेंसी के दौरान इन बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना बर्थ डिफेक्ट का शिकार हो जाएगा बच्चा

Pregnancy Tips: प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए एक बहुत ही खूबसूरत एहसास होता है. इस दौरान किसी भी महिला का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. प्रेगनेंसी में हुई थोड़ी सी भी लापरवाही मां और बच्चे दोनों की जान ले सकता है और इस दौरान लापरवाही करने से माँ को कई तरह की परेशानियां हो सकती है.

हेल्दी फूड्स खान की प्रेगनेंसी में है जरूरत (Pregnancy Tips)

प्रेगनेंसी के दौरान हेल्दी और संतुलित पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाने की जरूरत है वरना गर्भावस्था के दौरान बच्चों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. इस दौरान आपको अपने खाने में सब्जी साबुत अनाज प्रोटीन से युक्त फूड खाने की जरूरत है.

प्रेगनेंसी के दौरान इन बातों का रखें ख्याल

पोषक तत्वों का करें सेवन

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प्रेगनेंसी के दौरान शरीर को हेल्दी बनाए रखने के लिए पोषण से भरपूर पोषक तत्वों को सेवन करें.

रेगुलर पैरेंटल चेकअप है जरूरी

बच्चे के विकास की निगरानी करने और किसी भी संभावित समस्या का समय से पता लगाने के लिए रेगुलर पैरेंटल चेकअप जरूरी है.

हानिकारक पदार्थों से बचाव है जरूरी

शराब, तंबाकू और मनोरंजक दवाओं का सेवन ग्रोइंग फिटस के लिए गंभीर जोखिम कारकों का कारण बन सकता है। ये सभी उनके लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं.

स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दें

स्वस्थ गर्भावस्था के लिए पर्याप्त आराम आवश्यक है. थकान और तनाव बच्चे के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं.

व्यायाम करना है जरूरी

मध्यम, कम प्रभाव वाले व्यायाम में शामिल होने से गर्भावस्था के दौरान समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलेगी. हालांकि, इंटेंस गतिविधियों से बचना चाहिए.

नियमित व्यायाम करें

प्रेगनेंसी में महिलाओं को एक सुरक्षित और उपयुक्त व्यायाम दिनचर्या निर्धारित करने के लिए अपने हेल्थ केयर एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए. एक्सपर्ट आपकी कंडीशन को देखकर ये तय करते हैं, कि आपको कितनी और किस प्रकार की एक्सरसाइज और योग की आवश्यकता है.

जेनेटिक्स को समझें

कुछ जन्म दोषों का आधार जेनेटिक्स होता है। फैमिली हिस्ट्री वाले जोड़ों को जेनेटिक काउंसलिंग से लाभ हो सकता है. काउंसलिंग आपको जेनेटिक्स की वजह से होने वाली परेशानियों से पूरी तरह से जागरूक करवाता है, साथ ही इससे बचाव के उपाय भी बताए जाते हैं.

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कस्टमाइज़ करें

मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए उचित पोषण, नियमित चिकित्सा जांच, जीवनशैली में समायोजन और आवश्यकता पड़ने पर जेनेटिक काउंसलिंग के संयोजन की मदद पड़ सकती है.प्रेगनेंट माता-पिता बर्थ डिफेक्ट के जोखिमों को कम कर सकते हैं और अपने बच्चे को जीवन में सर्वोत्तम संभव शुरुआत दे सकते हैं.

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