जब लता ‘दीदी’ ने एक ‘बिहारी’ से कहा- आपको अपनी चप्पल पर भरोसा है पर मेरी आवाज पर नहीं

सुर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर ने 92 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। लता मंगेशकर का निधन भारतीय सिनेमा के साथ-साथ देश के लिए एक बड़ी क्षति है, जिसे भरपाना नामुमकिन है। भारत के हर दिलों को अपने सुर संगीत से सजाने वाली लता मंगेशकर का बिहार और बिहारवासियों से खासा नाता था। लता दीदी का यह खास नाता मशहूर संगीतकार चित्रगुप्त श्रीवास्तव के चलते जुड़ा था।

Lata Mangeshkar And Chitragupta

लता मंगेशकर और चित्रगुप्त का किस्सा

बिहार के गोपालगंज डिवीजन में चित्रगुप्त और लता दीदी के बीच संगीत की दुनिया में खासा संबंध था। दोनों के बीच काम से परे एक भावनात्मक लगाव भी था। यही वजह थी कि दोनों की जिंदगी के आपस में जुड़े कई किस्से हैं। एक किस्सा मुंबई की फिल्मी दुनिया से जुड़ा है। दरअसल चित्रगुप्त बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। संगीत की दुनिया का सपना लिए वह मुंबई आए और अपनी अवाज के दम पर छा गए। अच्छा नाम कमाने के बाद वह अच्छी खासी कमाई करने लगे। चित्रगुप्त उस दौर में एक गाने के लिए 20 हजार रूपये लिया करते थे।

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एक बार चित्रगुप्त और लता मंगेशकर दोनों के गाने की रिकॉर्डिंग एक साथ होनी थी। दोनों को रिकॉर्डिंग के लिए स्टूडियो भी पहुंचना था, लेकिन चित्रगुप्त उस दिन लंगड़ाते हुए स्टूडियो पहुंचे और पीछे से लता दीदी आ रही थी। उन्होंने चित्रगुप्त को इस तरह चलते हुए देखा, तो पूछा क्या हुआ? आप ठीक तो है? पैर में दर्द है क्या? जिसके जवाब में चित्रगुप्त ने कहा- दरअसल मैं टूटी चप्पल पहन कर आया हूं… इस पर तुरंत जवाब देते हुए लता दीदी ने कहा- चलिए आपके लिए हम नई चप्पल खरीद लेते हैं।

Lata Mangeshkar And Chitragupta

चित्रगुप्त और लता मंगेशकर का चप्पल किस्सा

लता मंगेशकर के जवाब के बाद चित्रगुप्त ने कहा- अरे नहीं यह मेरे लिए लक्की चप्पल है, जब मैं इन्हें पहनकर अपने गाने की रिकॉर्डिंग पर जाता हूं तो सब अच्छा रहता है… यह सुनते ही लता दीदी हंस पड़ी और तुरंत बोली- अरे चित्रगुप्त जी को हमारे गाने पर नहीं, बल्कि अपनी चप्पल पर ज्यादा भरोसा है। इतना सुनने के बाद वहां मौजूद सभी लोगों की हंसी छूट गई और सब लता दीदी और चित्रगुप्त के इसके सिर पर हंस पड़े।

Lata Mangeshkar And Chitragupta

चित्रगुप्त के निर्देशन में लता दीदी ने कई अमर गीत गाए, जिनमें से लागी छूटे ना अब तो सनम, दगाबाज हो बांके पिया, एक बात है कहने की आंखों से कहने दो, आजा रे मेरे प्यार के राही जैसे कई मशहूर गाने शामिल है। दीदी के यह सभी गाने अमर थे, अमर है और अमर ही रहेंगे…

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