KBC: करोड़पति बनते ही इस शख्स की ज़िंदगी हो गयी नर्क, लगी नशे की लत, पत्नी भी छोड़ दी

टेलिविज़न के सोनी चैनल पर प्रसारित होने वाला दशक पुराना शो अब एक बार फिर आ गया है, वो भी नए अंदाज़ में. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा होस्ट किया जाने वाला यह सवाल-जवाब और इनाम वाला शो कई लोगों की ज़िन्दगी बदलने का काम कर चुका है.

लेकिन कौन बनेगा करोड़पति के पांचवे सीज़न के विजेता रहे बिहारी बाबु सुशील कुमार के साथ कुछ उलट ही हुआ. दरअसल, जबसे KBC के नए सीज़न की शुरुआत हुई है, तभी से सुशील कुमार की एक पुरानी फेसबुक पोस्ट काफी ज्यादा viral हो रही है. इस पोस्ट के ज़रिये सुशील ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि किस तरीके से KBC का खिताब जीतकर सेलेब्रिटी बनने के बाद सुशील की ज़िन्दगी नरक से भी बदतर हो गई थी.

पैसों को इन्वेस्ट करने की नहीं थी समझदारी

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सुशील कुमार KBC में इतनी बड़ी राशि जीतने वाले पहले प्रतिभागी थे. बिहार के मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले सुशील ने जब 5 करोड़ रूपए जीते तो वो लोकल सेलेब्रिटी बन गए थे. साल 2015-2016 में उनकी लोकप्रीयता की वजह से 10 से 15 दिन तक वो बिहार से बाहर के कार्यक्रमों में शामिल होने जाते थे. ऐसे में उन्हें पढ़ने का समय नहीं मिल पाता था.शौहरत के इस मुकाम पर वो मीडिया को बेहद तवज्जो देते थे.लेकिन मीडिया कर्मियों द्वारा पूछी गई हर बात का जवाब देना उन्हें भारी पड़ गया. उन्होनें मीडिया के सामने अपने व्यवसाय का पूरा कच्चा-चिट्ठा खोल कर रख दिया था.और उसके बाद से ही उनके व्यवसाय में घाटा होना शुरू हो गया और वो दिवालिया हो गए.

शराब की लत और पत्नी से अनबन ने भी सुशील को तोड़ दिया

सुशील को शराब की लत ने भी जकड़ लिया था. सुशील को व्यवसाय में ही बड़ा नाम करना था.इसीलिए वो मीडिया स्टूडेंट्स और थिएटर आर्टिस्ट्स के संपर्क में आएँ. लेकिन उनकी बातें सुशील के पल्ले नहीं पड़ती थी,जिसकी वजह से वो डिप्रेशन का शिकार होने लगे और शराब-सिगरेट के आदि होने लगे. फिर उन्होनें मीडिया के सामने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया और ये कह दिया कि वो गाय का दूध बेचकर अपना खर्चा चला रहे हैं.उसके बाद से ही सारे कार्यक्रम बंद होने लगें और लोग सुशील से दूरी बनाने लगें.इसी बीच सुशील की उनकी पत्नी से अनबन शुरू हो गयी और बात तलाक तक पहुँच गयी.लेकिन सुशील ने हिम्मत करके फिल्म निर्देशक बनने की ठानी और मुंबई चले गए,लेकिन ये काम भी उन्हें नहीं भाया।

अंत में शिक्षा ही काम आई

फिर सुशील अकेले रहने लगें और पठन-पाठन में व्यस्त हो गए. उन्हें दोबारा से ख़ुशी का एहसास हो गया और वो मुंबई से फिर अपने घर वापस लौट आएं.शिक्षक बनने की तैयारी की और अब शिक्षा के साथ पर्यावरण का भी ज्ञान बाँट रहे हैं.

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