KBC 13: केबीसी में जाकर फंस गया रेलवे अफसर, इधर जीते 3 लाख तो उधर प्रशासन ने थमा दी चार्जशीट

राजस्थान के कोटा से ताल्लुख रखने वाले रेलवे अफ़सर देशबंधु पांडे को अपना सपना सच करने की कीमत चुकानी पड़ी। पांडे कोटा रेल मंडल के स्थानीय ख़रीद अनुभाग के कार्यालय अधीक्षक पद पर कार्यरत हैं। उनकी ये तमन्ना थी कि वो अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठें। लेकिन उन्हें उनका ये सपना पूरा करना महंगा पड़ गया।

एक तरफ ईनाम तो दूसरी तरफ सज़ा

कौन बनेगा करोड़पति के 13 वे सीज़न में देशबंधु पांडे ने 3 लाख 20 हजार की राशि जीतकर अपने सपने को पूरा तो कर लिया था। लेकिन केबीसी में जाने के दौरान उन्हें रेल प्रशासन ने कड़ी सज़ा दे दी। उनके नाम पर चार्जशीट बना दी गई।  इतना काफी नहीं था कि 3 साल तक के लिए उनके वेतन वृद्धि पर भी रोक लग गयी। देशबंधु ने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि उनके साथ ऐसा होगा।

कर्मचारी संगठनों ने जताया चार्जशीट पर विरोध

रेलवे प्रशासन के द्वारा इस तरह की कार्रवाई पर कर्मचारी संगठनों ने अपना विरोध व्यक्त किया है। वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मज़दूर संघ के मंडल सचिव खालिद ने इस चार्जशीट का विरोध करते हुए ये बात कही है कि रेल प्रशासन ने ये ठीक नहीं किया है। मज़दूर संघ देशबंधु के पक्ष में उनके लिए न्याय की गुहार लगाएगा। आपको बता दें कि देशबंधु ने कौन बनेगा करोड़पति में भाग लेने के लिए 5 दिनों की छुट्टी  की मांग की थी। उन्हें 9 अगस्त से लेकर 13 अगस्त मुम्बई में ही उपस्थित रहना था। लेकिन अधिकारियों के द्वारा उनकी छुट्टी पर कोई विचार नहीं किया गया। इसी कारण वो बिना छुट्टी के ही केबीसी में भाग लेने के लिए मुंबई पहुँच गएँ।

डरा हुआ है प्रतिभागी का परिवार

चार्जशीट की बात को लेकर पांडे और उनका परिवार इस कदर डरा हुआ है कि वो रेलवे प्रशासन के खिलाफ कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। पांडे इस बात से डर रहे हैं कि अगर वो मीडिया के सामने कुछ बोलेंगे तो उन्हें और ज़्यादा सज़ा भुगतनी पड़ सकती है। लेकिन पांडे ने चार्ज शीट का जवाब रेलवे प्रशासन को दे दिया है।

whatsapp channel

google news

 

अधिकारियों का कहना, काम के प्रति लापरवाह थे पांडे

चार्जशीट में लिखा गया है कि बिना अवकाश की स्वीकृति लिए ही वो 5 दिनों के लिए गायब हो गए थे। 9 अगस्त से लेकर 13 अगस्त तक के बीच में उन्होनें दफ्तर में हाज़िरी नहीं बनाई थी। चार्जशीट में लिखा गया कि देशबंधु पांडे का रवैया काम के प्रति लापरवाही दर्शाता है। इसी वजह से उनपर कार्रवाई होनी चाहिए।  इस पूरे मसले पर कोटा रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक अजय कुमार पालके द्वारा कहा गया कि देबन्धु पांडे कोकुछ विभागीय काम बोला गया था जो उन्होने नहीं किया। बिना छुट्टी किए ही पांडे गायब हो गए। इस दौरान वे कर्तव्य के प्रति लापरवाह पाए गए हैं। विभागीय कार्रवाई का KBC से कोई भी लेना देना नहीं हैं।

Share on