Gold Loan वाले हो जाएँ सावधान! सोने के बदले कर्ज देने वाली कंपनियों ऐसे दे रहे धोखाधड़ी

भारत में अधिकतर लोग गोल्ड लोन (Gold Loan) लेते हैं लेकिन कई बार गोल्ड लोन लेने की वजह से उनके साथ धोखाधड़ी भी हो जाता है. इन सब चीजों को देखते हुए अभी कुछ समय पहले रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने IIFL फाइनेंस पर सख़्ती करते हुए गोल्ड लोन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने गोल्ड लोन लेते समय सावधानी बरतने का निर्देश जारी किया है.

आरबीआई ने एक जांच किया जिसमें पता चला है कि IIFL फाइनेंस के गोल्ड लोन के 67 फीसदी खातों में लोन टू वैल्यू रेश्यो में गड़बड़ी पाई गई है. जांच में पाया गया है कि लोन देते समय गोल्ड की कीमत तय करने में गड़बड़ी किया गया है.

आपको बता दे भारत में गोल्ड लोन का बाजार लगभग 6 लाख करोड रुपए का है. गोल्ड लोन लेते समय ज्यादा कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं होती है और कई गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी या घर जाकर गोल्ड लोन देने की सुविधा भी दे रही है. इसमें बैंकों का हिसाब 80% तक है.

सोने की कीमत के आधार पर मिलता है कर्ज (Gold Loan)

आप जब भी किसी बैंक से या एनबीएफसी से सोने के बदले लोन लेने जाते हैं तो सबसे पहले बैंक या फिर एनबीएफसी इसकी कीमत निर्धारित करता है. तय नियम के अनुसार सोने की 75 % कीमत तक का कर्ज आपको आसानी से मिल जाएगा.

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रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने जब जांच किया तो पता चला कि सोने की कीमत कम बताई जा रही है ताकि ग्राहक लोन नहीं चुका पाए और उसके लोन की नीलामी का आसानी से फायदा उठाया जा सके. इसलिए अच्छा होगा की कर्ज लेने से पहले किसी दूसरी कंपनी में भी सोने की कीमत का मूल्यांकन करवा लिया जाए.

आजकल कई ऐसे ज्वेलर्स है जो फ्री में सोने के गहनों का मूल्यांकन करने की सुविधा देते हैं. अगर कोई कंपनी या बैंक आपके सोने की कम कीमत दे रही है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. क्योंकि ऐसे मामलों में ब्याज और पेनल्टी के मामलों में आपके साथ धोखाधड़ी किया जा सकता है.

प्रोसेसिंग फीस में भी भारी अंतर

बैंक और एनबीएफसी के गोल्ड लोन की ब्याज दरों की प्रोसेसिंग फीस में भारी अंतर देखने को मिलता है. एक तरफ जहां सरकारी बैंक 8.65 से 11 परसेंट तक ब्याज पर कर्ज देते हैं वहीं निजी बैंक 17 परसेंट सालाना ब्याज दर लोगों से वसूल रहे हैं. एनबीएफसी कंपनियों के लोन की ब्याज दरे 36 परसेंट तक है और प्रोसेसिंग फीस को लेकर भी भारी अंतर देखने को मिलता है.

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स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और केनरा बैंक लोन की राशि पर 0.5% या अधिकतम ₹5000 तक का प्रोसेसिंग फीस लेता है वही एनबीएफसी एक परसेंट से भी ज्यादा तक की प्रोसेसिंग फीस ले रहा है. आप थोड़ा सोच समझ कर गोल्ड लोन लेंगे तो आपको सालाना ब्याज दर के रूप में अच्छी बचत हो जाएगी.

लोन अवधि भी है महत्वपूर्ण

आमतौर पर गोल्ड लोन 3 साल के लिए मिलता है और लोन चुकाने के लिए कई तरह के विकल्प मिलते हैं. पहला विकल्प यह होता है की मासिक ब्याज देकर अंत में मूलधन चुकाया जा सकता है वहीं दूसरा विकल्प में ब्याज और मूलधन को जोड़कर EMI बना दी जाती है जिसे आप हर महीने आसानी से चुका सकते हैं.

गोल्ड लोन लेने पर आपको बुलेट भुगतान की सुविधा दी जाती है. जैसे कि अपने ₹1,00,000 का लोन लिया है तो 1 साल में आपको ₹10000 देने होंगे और ऐसे में आप 1.10 लाख रुपए चुकाकर आसानी से अपना सोना वापस ले सकते हैं.

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पर्सनल फाइनेंस का कहना है कि लोन की राशि हमेशा सोने की कीमत से बेहद कम होती है और अगर किसी कारण से आप अपना गोल्ड लोन चुका नहीं पाते हैं तो आपके सोने के नीलामी कर दी जाती है. ऐसे में आपको काफी नुकसान हो सकता है. ऐसे में आपको वैल्यूएशन ब्याज और प्रोसेसिंग फीस के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए. आपको रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के अधीन आने वाले बैंक या फाइनेंस कंपनी से ही लोन लेना चाहिए. वरना आप फंस सकते हैं.

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