होलिका दहन के दिन क्यों लगाते हैं सरसों का उबटन, क्या है इसका धार्मिक महत्व ?

Holi 2024 : होली हिंदू धर्म का एक बहुत बड़ा त्यौहार है और लोग साल भर होली का इंतजार बेसब्री से करते हैं. होली को लेकर तरह-तरह की मान्यताएं हैं. इस लोग रंग गुलाल खेलते हैं और भाईचारे का संदेश देते हैं. इस साल 24 मार्च को होलिका दहन होगा और 25 मार्च को होली का त्यौहार मनाया जाएगा.

लोग होलिका दहन की रात को सरसों के उबटन बनाकर शरीर में लगाते हैं और यह प्रथा काफी पहले से चली आ रही है. कहा जाता है कि सरसों का उबटन बनाकर शरीर में लगाने से शरीर रोग मुक्त होता है. क्या आप जानते हैं इसके पीछे का धार्मिक महत्व क्या है?

होलिका दहन पर लगाया जाता है उबटन(Holi 2024)

सनातन धर्म में होलिका दहन की रात को पूरे शरीर में उबटन लगाये जाने की परंपरा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलिका दहन के पहले उबटन लगाकर उबटन लगाने से निकल गया मैल होलिका की आग में डालकर जला दिया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से नकारात्मक सोच और बीमारियां जलकर राख हो जाती है.

अगर कोई व्यक्ति हमेशा अस्वस्थ रहता है और लंबे समय से किसी बीमारी से गुजर रहा है तो जल्द स्वस्थ होने के लिए वह होलिका दहन की रात काली सरसों से बना होटल लगाकर आग में डाल देता है. ऐसा करने से सभी रोग दोष दूर हो जाते हैं.

whatsapp channel

google news

 

Also Read:Health Tips: खाली पेट गैस की गोली खाना आपके लिए हो सकता है घातक, तुरंत हो जाएं सावधान

होलिका दहन के दिन काली सरसों से करे ये उपाय

अगर आप किसी बात से हमेशा परेशान रहते हैं या शत्रुओं का भय बना रहता है तो इससे मुक्ति पाने के लिए आप काला तिल काला सरसों लॉन्ग और सूखा नारियल अपने सिर पर सात बार वार ले. इसके बाद इसे होलिका के अग्नि में डाल दे कहां जाता है ऐसा करने से सभी दोष दूर हो जाते हैं.

Share on