Cyrus Mistry: मुस्लिम लड़की को दिल दे बैठे थे साइरस मिस्त्री, जिन्ना से थे पत्नी रोहिला के खास संबध

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) ने 4 सितंबर को दुनिया को अलविदा कह दिया। मुंबई में हुए एक सड़क हादसे के दौरान उनकी मौत (Cyrus Mistry Death) हो गई। सड़क हादसे के समय साइरस मिस्ट्री अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे। इस दौरान उनकी कार डिवाइडर से जा टकराई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। साइरस मिस्ट्री अपने पीछे अपनी पत्नी रोहिका छागला (Cyrus Mistry Wife Rohiqa Chagla) और दो बेटों जहान मिस्त्री और फिरोज मिस्त्री (Cyrus Mistry Son) को अकेला छोड़ गए हैं। साइरस मिस्त्री की पत्नी रोहिका छागला लगभग 3 दशकों से उनके साथ थी और टाटा परिवार (Cyrus Mistry Relation With Tata Group) के साथ भी उनके संबंध बेहद करीबी थे।

कौन है साइरस मिस्त्री की पत्नी रोहिका छागला

साइरस मिस्तरी धर्म और जाति की बंदिशों को नहीं मानते थे और यह वजह थी कि वह एक मुस्लिम लड़की को दिल दे बैठे थे। रोहिका छागला और साइरस मिस्त्री ने साल 1992 में शादी की थी। रोहिका छागला मिस्त्री की पत्नी होने के साथ-साथ खुद एक कॉर्पोरेट आइकन रह चुकी है। कुछ निजी और सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों में बतौर निर्देशक भी उन्होंने कार्यभार संभाला है।

मिस्त्री परिवार के साम्राज्य ने मुख्य रुप से रियल स्टेट टाटा समूह में इनकी हिस्सेदारी ने सामूहिक रूप से पूरे एशिया में शानदार होटल, महल, स्टेडियम और कई कारखाने विकसित किए हैं। सारस मिस्त्री को टाटा समूह का नेतृत्व करने के लिए नामित किए जाने के बाद इन्हें मुख्य तौर पर प्रसिद्धि मिली थी, लेकिन बाद में टाटा और मिस्त्री के बीच बिगड़ते रिश्ते ने सबसे चर्चित कॉर्पोरेट प्रतिद्वंदिता को जन्म दिया था।

एमसी छागला के थे जिन्ना से खास संबंध

रोहिका छागला के पिता इकबाल छागला एक डायरेक्टर थे और उनके दादा मोहम्मद करीम छागला एक न्यायविद और पूर्व कैबिनेट मंत्री का पदभार संभाल चुके थे। एमसी छागला प्रसिद्ध वकील और पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री मोहम्मद अली जिन्ना के जूनियर रह चुके थे। एमसी छागला बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। उस दौरान जिन्ना को छागला की कानूनी प्रतिभा पर बहुत ज्यादा विश्वास था।

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टाटा और मिस्त्री की लड़ाई में छागला परिवार भी है शामिल

रोहिका का परिवार कानूनी रूप से उनके पति मिस्त्री और टाटा के बीच शुरू हुई कोर्ट की लड़ाई में भी शामिल था। साल 2012 में साइरस मिस्त्री को टाटा संस का अध्यक्ष बना दिया गया था, लेकिन उनके अध्यक्ष पदभार संभालने के साथ ही शुरू हुए विवाद के चलते साल 2016 में उन्हें पद से हटा दिया गया। इसके बाद भारत के दो बड़े कॉर्पोरेट परिवारों मिस्त्री और टाटा के बीच मुकदमे बाजी और कोर्टरूम का संघर्ष शुरू हो गया।

क्यों बिगड़े थे टाटा और साइरस मिस्त्री के रिश्ते

टाटा संस के छठे अध्यक्ष के तौर पर साइरस मिस्त्री ने साल 2012 में पदभार संभाला था और साल 2016 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें यह पदभार रतन टाटा द्वारा सेवानिवृत्ति होने के बाद सौंपा गया था। साइरस मिस्त्री को पद से हटाए जाने के बाद एन चंद्रशेखरन ने टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार संभाला। इसके बाद साल 2021 में मई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले की समीक्षा में कहा कि सपूरजी पल्लोंजी समूह के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया जाता है, जिससे टाटा समूह के टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में साइरस मिस्त्री को हटाने का फैसले का समर्थन किया गया था।

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