Anand Mohan: बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल से रिहा, सुबह सहरसा जेल से आया बाहर

Anand Mohan Released: बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को आज सुबह जेल से रिहाई मिल गई है और इसी के साथ आनंद मोहन जेल से बाहर आ गए हैं। कानून के जानकारों का कहना है कि आनंद मोहन की रिहाई गलत है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आनंद मोहन को सुबह 4:00 बजे से 4:30 बजे के आसपास जेल से बाहर निकाला गया है। वही आबू सहरसा जेल के सुपरिटेंडेंट अमित कुमार का कहना है कि आनंद मोहन को 6:15 पर जेल से रिहा किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आनंद मोहन को जेल के पीछे वाले गेट से निकाला गया है। नियमों के मुताबिक सूर्योदय से पहले किसी भी कैदी को रिहा करना गलत है। ऐसे में आनंद मोहन की रिहाई पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

पैरोल खत्म होने से पहले ही जेल से मिल गई रिहाई

बता दे आनंद मोहन इन दिनों 15 दिन की पैरोल पर बेटे की सगाई में शामिल होने के लिए बाहर आए थे। वही परौल खत्म होने से पहले ही उन्हें जेल से रिहाई भी मिल गई है। आनंद मोहन के बेटे आरजेडी विधायक चेतन आनंद की सगाई के मौके पर ही सरकार की ओर से आनंद मोहन की रिहाई को लेकर आदेश दिए गए थे, जिसके बाद आनंद मोहन अब पूरे तरीके से जेल से रिहा हो गए हैं। आनंद मोहन अपनी रिहाई की खुशी में ना सिर्फ जुलूस निकालेंगे, बल्कि साथ ही सड़कों पर शक्ति प्रदर्शन भी करने वाले हैं।

डीएम जी कृष्णैया का परिवार आनंद मोहन की रिहाई पर नाराज

बता दे आनंद मोहन गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया के हत्या के मामले में जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे थे। वहीं उन्हें रिहा करने के लिए बिहार सरकार ने जेल नियमों में बदलाव किया है, तब जाकर आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हुआ। मालूम हो कि आनंद मोहन की रिहाई पर दिवंगत जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया और उनकी बेटी ने नाराजगी जताई है और सरकार के इस फैसले को गलत बताया है।

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जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने आनंद मोहन को फिर से जेल में डालने की अपील की है। उनका कहना है कि जनता आनंद मोहन की रिहाई के विरोध में है। उसे जेल से रिहा करने का सरकार का फैसला गलत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं दे सकते। अगर आनंद मोहन भविष्य में चुनाव लड़ता हैं, तो जनता को उनका बहिष्कार करना चाहिए।

27 कैदियों के साथ रिहा आनंद मोहन

मालूम हो कि आनंद मोहन के साथ 27 अन्य कैदियों को भी रिहा करने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे में सरकार अपने इस आदेश के बीच घिरती नजर आ रही है। आनंद मोहन की रिहाई को राजपूत वोट बैंक के पहलू से जोड़कर देखा जा रहा है। आनंद मोहन की रिहाई पर उनके बेटे चेतन आनंद का कहना है कि- जी कृष्णैया परिवार के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है… हम उनके परिवार से संपर्क कर रहे हैं। अगर सहमति मिली तो हम पूरे परिवार के साथ उनसे मिलने भी जाएंगे।

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