ये है असली Taarak Mehta, निधन के बाद नहीं हुआ था अंतिम संस्कार, वजह सुन सन्न हो जायेगा दिमाग

Who is Real Taarak Mehta: तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो बीते 15 सालों से लोगों का मनोरंजन कर रहा है। शो की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इन 15 सालों में शो टीआरपी के लिस्ट में टॉप पर है। आज शो का हर किरदार लोगों को बहुत पसंद है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये शो भारत के मशहूर हास्य लेखक और नाटककार तारक मेहता ने लिखा था। इसलिए इस शो का नाम उनके नाम पर आधारित है।

Taarak Mehta

बात रही उलटे चश्में की, तो इसके पीछे एक बेहद दिलचस्प कहानी है। तारक मेहता की रचना दुनिया ने उंधा चश्मा से प्रेरित है। इसी से इसका नाम तारक मेहता का उल्टा चश्मा रखा गया था। तारक मेहता ने 87 साल की उम्र में 1 मार्च को ही दुनिया को अलविदा कहा था। तारक मेहता देश के उन मशहूर हास्य लेखकों में से एक हैं, जिन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था।

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कौन है असली तारक मेहता?

तारक मेहता का नाम आज बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर किसी की जुबान पर रहता है। हर कोई जानता है कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा नाम से टीवी पर 15 सालों से एक शो आता है और इसी के साथ शो के हर किरदार से भी लोग वाकिफ है, लेकिन इस टीवी शो से परे असली तारक मेहता को बेहद कम लोग जानते हैं। दरअसल असली तारक मेहता एक असली मशहुर हास्य लेखक थे। तारक मेहता द्वारा लिखित रचनाएं दुनिया भर में मशहूर है। तो वहीं उनकी रचना दुनिया ने उंधा चश्मा गुजराती भाषा में लिखी गई है। इस रचना का आधार पर ही तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो शुरु किया गया था।

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निधन की खबर से दुखी हो गया था देश

तारक मेहता का उल्टा चश्मा के लेखक यानी असली तारक मेहता की मौत लंबी बीमारी के बाद अहमदाबाद में हुई थी। उनकी मौत ने सिर्फ गुजरात को ही नहीं बल्कि हर उस शख्स को दुखी किया था, जिसने उनकी किताबें पढ़ी थी, जो उन्हें चाहता था, जो उन्हें जानता था। पूरे देश में उनकी मौत का अफसोस मनाया गया था। लेखन के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है। आज भी जब तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो के निर्माता आसित मोदी तारक मेहता चर्चा करते हैं, तो उनकी यादों में खो जाते हैं। वह हमेशा यह बात कहते हैं कि अगर उन्होंने यह रचना नहीं की होती, तो आज उनका शो इतना लोकप्रिय नहीं होता।

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80 से ज्यादा किताबें लिख चुके हैं तारक मेहता

तारक मेहता जीने 80 से ज्यादा किताबें लिखी थी उनकी रचनाओं मैं कई किताबें देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध है पाठक वर्ग उनकी रचनाओं को पढ़ना पसंद ही करते हैं क्योंकि उनके लिखने की शैली बाकी दूसरे लेखकों से बिल्कुल हटकर है उनकी किताब दुनिया ने ऊंधा चश्मा लोगों के बीच सबसे ज्यादा पॉपुलर है।

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निधन के बाद क्यों नहीं हुआ तारक मेहता का अंतिम संस्कार

ये बात बेहद कम लोग जानते हैं कि तारक मेहता के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार नहीं किया गया था, बल्कि उनका देह दान किया गया था। परिवार के मुताबिक यही उनकी आखिरी इच्छा थी। वह हमेशा यही बात कहते थे कि जब उनका देहांत हो जाए, तो वह देह दान कर सके और समाज कल्याण में अपनी सहभागिता दर्ज करा सके। आज उनके रहने के बावजूद भी देश में लाखों लोगों के दिलों में जिंदा है।

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