जेरोधा को-फाउंडर निखिल कामथ बने युवा भारतीय अरबपति, कभी 8 हजार की करते थे नौकरी

Success Story Of Nikhil Kamath: फॉर्ब्स ने साल 2023 के दुनिया के सबसे अमीर अरबपतियों की लिस्ट जारी कर दी है। भारतीय अमीरों की लिस्ट में एक बार फिर से रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने वापसी की है। हालांकि इस बार लिस्ट में जिस नाम ने सबका ध्यान खींचा है, वो है ब्रोकिंग फर्म जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ, जो इस बार लिस्ट में सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल कर भारत के सबसे कम उम्र के युवा अरबपति बन कर उभरे हैं। ऐसे में आइए हम आपको कभी 8,000 रुपए की नौकरी करने वाले देश के युवा अरबपति निखिल कामथ की कामयाबी की कहानी बताते हैं।

देश के युवा अरबपत्ति बनें निखिल कामथ

फॉर्ब्स 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक इन दिनों बेंगलुरु के दो भाइयों की नेटवर्थ सबसे ज्यादा है, दोनों 1.1 अरब डॉलर और 2.7 अरब डॉलर के साथ देश के युवा अरबपति बन गए हैं। इन दोनों भाइयों में से एक निखिल कामथ स्कूल ड्रॉपआउट और इन दिनों वह जेरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर के तौर पर देश भर में अपनी पहचान बनाए हुए हैं। उन्होंने अपनी कंपनी को देश की सबसे तेज ग्रोथ करने वाली स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी बना दिया है।

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निखिल कामथ की कामयाबी की कहानी

दरअसल अपने एक इंटरव्यू में खुद निखिल कामथ ने अपनी कामयाबी की कहानी का जिक्र किया था। इस दौरान उन्होंने ह्यूमन ऑफ बॉम्बें को दिए इंटरव्यू में अपने सफ़र पर खुलकर बात की थी और बताया था कि उन्होंने 17 साल की उम्र में ही नौकरी करना शुरू कर दिया था। उनकी पहली नौकरी एक कॉल सेंटर की थी, जहां उन्हें सिर्फ ₹8000 सैलरी मिलती थी। इसके बाद उन्होंने अमीर बनने के लिए स्टॉक मार्केट का रास्ता अपनाया।

निखिल कामथ ने बताया कि उन्होंने जब शेयर ट्रेंडिंग शुरू की, तब वह इसे गंभीरता से नहीं लेते थे। हालांकि एक साल में ही उन्हें बाजार की वैल्यू का पता चल गया था और उन्होंने इस पर फोकस करना भी शुरू कर दिया था। इसके बाद उन्होंने इस पर फुल कॉन्स्टिट्यूशन के साथ काम करना शुरू किया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। यहीं से उनकी संपत्ति में अंकों के साथ बढ़ोतरी होनी शुरू हुई और आज वह देश के युवा अरबपति बनकर उभरे हैं।

कैसे हुई ‘जेरोधा’ का शुरुआत

निखिल ने बताया कि उन्होंने नौकरी छोड़ने के बाद अपने बड़े भाई नितिन कामथ के साथ मिलकर कामत एसोसिएट की शुरुआत की थी। इसी के जरिए शेयर बाजार में वह ट्रेनिंग से जुड़े कामकाज को देखने लगे थे। इसके बाद साल 2010 में दोनों भाइयों ने मिलकर जेरोधा (Zerodha) की नींव रखी और इसी के साथ अपनी कामयाबी की जर्नी शुरु की। निखिल ने बताया कि उन्होंने अपने स्ट्रगल से बहुत कुछ बारीकियां सीखी है। आज भले ही वह अरबपति बन गए हो, लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं बदला है। आज भी वह अपने पूरे दिन के 85 फ़ीसदी समय में काम करते हैं।

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