पप्पू यादव DMCH से पटना रेफर होने के बावजूद क्यों नहीं गए पटना, उठा राज से पर्दा ….

वीरपुर जेल से डीएमसीएच रेफर करने के अगले दिन ही जाप सुप्रीमो सह पूर्व सांसद पप्पू यादव को मेडिकल बोर्ड ने पटना रेफर कर दिया था। कहा तो यहां तक जा रहा है कि प्रशासनिक स्तर से इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई थी। इसके बाद अचानक पता चला कि पप्पू यादव की चिकित्सा डीएमसीएच में ही होगी। पिछले एक सप्ताह से उनका डीएमसीएच की आइसीयू में इलाज चल रहा है। अभी उनकी स्थिति ठीक हो रही है, लेकिन एक सवाल जो सभी लोगों के मन मे था कि आखिर पप्पू यादव रेफर किए जाने के बाद भी पटना क्यों नहीं जा सके? इसी मामले पर से पर्दा हट गया है।

किडनी व हार्ट से संबंधित है बीमारी

बता दें कि पप्पू यादव को भर्ती कराए जाने के बाद जब मेडिकल टीम ने उनकी पैथोलॉजिकल व रेडियोलॉजिकल जांच कराया गया तो सामने आया कि उन्हें किडनी व हार्ट से संबंधित परेशानी से वो जुझ रहे है। सांस लेने से भी तकलीफ हो रही है। पैदल तक नहीं चल पा रहे थे । इसके आधार पर मेडिकल बोर्ड ने उन्हें पटना रेफर कर दिया था। सब तैयारी भी हो गई थी, लेकिन पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने यहां के अधीक्षक को एक पत्र लिखा।

जिसमें उन्होंने सरकार पर एक साजिश के तहत उनकी हत्या कराने का आरोप लगाया था। इसमें राज्य सरकार के कुछ अधिकारियों के शामिल होने का संदेह भी उन्होंने प्रकट किया था। रिपोर्ट के अनुसार इस पत्र में उन्होंने अधीक्षक से आग्रह किया कि यदि डीएमसीएच में किडनी के पथरी का इलाज संभव नहीं है तो पटना की जगह उन्हें दिल्ली रेफर किया जाए। उनका इलाज केवल मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर की जाए, सरकार के तरीके से नहीं । वहीं दूसरी ओर जाप समर्थकों ने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन भी शुरू कर दिया था। इसके बाद ही रेफर करने के प्रोग्राम को रद्द करना पड़ा।

DMCH अधीक्षक ने कहा

बताते चलें कि इस मुद्दे को तूल पकड़ता देख डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. मणिभूषण ने भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि पप्पू यादव को पटना के आइजीआइसी रेफर किया गया था, लेकिन उनको स्लिप डिस्क की परेशानी हो गई थी । इसके बाद इसे रद कर दिया गया। इस हालत में यात्रा करने पर परेशानी बढ़ने की आशंका थी। अपने ऊपर सरकार के दबाव में काम करने का लग रहे आरोपों पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई भी सच्चाई नहीं है। जहां तक दिल्ली रेफर किए जाने की बात है तो हमलोग उन्हें केवल बिहार के ही किसी उच्च चिकित्सा संस्था में रेफर कर सकते हैं,कहीं और नहीं।

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