बिहार (Bihar) में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों और इनसे होने वाली मौत के मामलों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने कई नए नियमों को बनाने का फैसला किया है। इस कड़ी में सड़कों को दुरुस्त करने, ब्लैक स्पॉट चिन्ह बनाने के साथ-साथ वाहन चालकों के लिए भी इन नियमों (Motor Vehicle Rule) का सख्ती से पालन करने का ऐलान भी किया गया है। गौरतलब है कि राज्य में सड़क हादसा के चलते होने वाली मौत के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिस पर लगाम कसने के लिए सरकार ने वाहनों में स्पीड गवर्नर (Speed Governor in Vehicle) की जांच करना शुरू कर दिया है।
राज्य सरकार ने चलाया खास अभियान
इस जांच के साथ ही वाहनों की गति नियंत्रित करने के लिए व्यवसायिक वाहनों में लगे स्पीड गवर्नर की जांच के लिए भी शनिवार को सभी जिलों में राष्ट्रीय और राज्य मार्ग पर विशेष अभियान चलाया गया। गौरतलब है कि इस अभियान के तहत करीबन 1157 वाहनों की जांच की गई, जिनमें से 139 वाहनों पर ओवरस्पीड के मामले में जुर्माना भी लगाया गया। साथ ही 47 वाहनों को इस कार्रवाई के तहत जब्त कर लिया गया है।
जुर्माने के तौर पर की 7.23 लाख की वसूली
बता दें जुर्माने के तौर पर लगभग 7.23 लाख रुपए की वसूली इस मामले में की गई है। इस जांच अभियान के दौरान यह पाया गया कि इन सभी वाहनों में स्पीड गवर्नर लगे तो है, लेकिन वह काम नहीं कर रहे। इसके साथ ही कई ऐसे वाहन भी मिले, जिनमें स्पीड गवर्नर नहीं लगे थे। ऐसे वाहन के चालकों से जुर्माना लिया गया और साथ ही सख्त निर्देश देते हुए जल्द से जल्द स्पीड गवर्नर लगाने के आदेश भी दिए गए।
वहीं इस मामले पर परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल का कहना है कि व्यवसायिक वाहनों में स्पीड गवर्नर होना खासतौर पर जरूरी है। इससे सड़क दुर्घटना की संभावना में गिरावट हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्पीड चेकिंग के लिए चलाया जा रहा यह अभियान फिलहाल जारी रहेगा।
इन बातों का खास तौर पर रखें ध्यान
बता दें हेलमेट, प्रदूषण के कागजात और इंश्योरेंस नहीं होने पर भी आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। ऐसे में चार पहिया वाहन और अन्य दूसरे वाहनों ने अगली सीट पर सवार व्यक्ति का सीट बेल्ट लगाना भी जरूरी है। सरकार द्वारा यह फैसले आपकी ही सुरक्षा के लिहाज से लिए गए हैं। ऐसे में स्पीड गवर्नर लगाएं और सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें।
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