सोने के पुराने गहने बदलकर नए खरीदने का है प्लान, तो जान लीजिये ठगी से बचने के उपाय

Gold Jewellery Exchange: शादियों का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे मैं लोग खूब सोने के गहनों की खरीदारी करते हैं. महिलाओं के पास जब पुराने सोने के गहने हो जाते हैं तो वह उन्हें बदलकर नए गहने खरीदने के बारे में सोचती है. भारत में नए गहने खरीदने का चलन काफी देखने को मिलता है और इसके लिए वह छोटे ज्वेलरी शॉप या ब्रांडेड शोरूम से गहने बदलकर नए खरीदती है.

कई बार ऐसा होता है पुराने गहने बदलकर नहीं खरीदने के चक्कर में औरतें ठगी का शिकार हो जाती है. गहने खरीदते समय सबसे बड़ा प्रॉब्लम हमारे सामने शुद्धता आता है. विक्रेता ग्राहकों को ठग लेते हैं. पुराने गहने बदलते समय आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि आपको गहनों का हमेशा सही कीमत मिले.

Gold Jewellery Exchange: मुश्किल है गहने बदलने का प्रोसेस

पुराने गहनो को बदलकर नए गहने लेने की प्रक्रिया इतनी आसान नहीं होती. पुराने गहनो को दो स्टेप्स में परखा जाता है. पहले उसे कैरेट मशीन पर रखकर स्कैन किया जाता है जिससे पता लगता है कि वह गहना कितने कैरेट का गोल्ड है. लेकिन इसमें सिर्फ उसके बाहरी परत को ही स्कैन किया जाता है.

दूसरी प्रक्रिया में उस गहने के छोटे से टुकड़े को पिघला कर देखा जाता है जिससे गोल्ड की वास्तविकता का परख होता है. जब सोने को पिघलाया जाता है तो कई सारी दिक्कत आने लगती है. पिघलाई गए सोने को जितने बार स्कैन किया जाता है उसकी रीडिंग अलग-अलग आता है ऐसे में ज्वैलर सबसे कम रीडिंग को आधार मानकर सोने की कीमत को लगता है.

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सोने के जांच के समय इन बातों का रखें ध्यान

सोने के जाँचने के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली एक्स-रे फ्लोरेंस स्पेक्ट्रोमीटर या कैरेट मशीन को सरकार नहीं बेचती हैऔर ना ही किसी अथॉरिटी के तरफ से दिया जाता है. ऐसे में इसके भरोसे को लेकर लोगों के मन में डर बना रहता है. कुछ ऐसे छोटे ज्वेलर्स होते हैं जो गहनों को बिना पिघलाई ही उसे बदलने पर राजी हो जाते हैं.हालांकि ऐसे ज्वेलर्स आपके गहनों की कीमत को 25 से 30% तक घटा कर लेते हैं. गहनों की रेट उसके शुद्धता पर निर्भर करती है.

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अच्छी कीमत पाने के लिए करे यह काम

जानकारों की माने तो गहनों में सोने की मात्रा को जाँचने के लिए उसे पिघला कर देखा जाता है. ज्यादातर ज्वेलर्स के द्वारा इसके लिए XRV टेस्टिंग प्योरिटी मशीन का इस्तेमाल किया जाता है. अगर ज्वेलरी हॉलमार्क वाली ज्वेलरी में उसकी शुद्धता लिखी रहती है. तो इसे पिघलाने की आवशकता नहीं होती.

जब भी आप सोना बेचने जाए तो उसे दो तरह से जरूर चेक करें. सबसे पहले सोने को स्कैनिंग जरूर कराये ताकि पता चले की गहना 22 कैरेट का है या 18 कैरेट का. उसके बाद आपको सोने का जॉइंट टेस्टिंग करना चाहिए जिससे उसके वास्तविक शुद्धता का पता लगेगा.

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