किसान आंदोलन से पहले लागू हुई धारा 144, जानिए क्या होता है धारा 144 तोड़ने की सजा

Farmers Protest: देशभर के तमाम किसान संगठन एक बार फिर से बड़े आंदोलन करने के मूड में दिखाई दे रहे हैं. सरकार से कई मांग करने के लिए किसान दिल्ली कुच की तैयारी में है जिसे देखते हुए पुलिस ने तमाम तैयारियां की है. दिल्ली बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है और सड़कों को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है. दिल्ली से जुड़े हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बाकी जगहों पर भी ऐसे ही तैयारी की गई है. किसान आंदोलन को देखते हुए धारा 144 लागू किया गया है. आज हम आपको बताएंगे की धारा 144 तोड़ने पर क्या सजा मिलती है.

जानिए क्या है धारा 144 (Farmers Protest)

किसी भी अराजकता की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन के द्वारा धारा 144 लगाया जाता है. इसका मतलब होता है कि उस इलाके में चार या उससे ज्यादा लोग एक साथ इकट्ठे नहीं हो सकते. अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है. धारा 144 लागू होने के बाद कोई भी हथियार लेकर उसे इलाके में नहीं निकल सकता है. धारा 144, 2 महीने की अवधि तक के लिए लगाया जा सकता है हालांकि सरकार चाहे तो इसे बढ़ा सकती है.

धारा 144 तोड़ने पर क्या मिलता है सजा

अब सवाल उठता है कि आखिर धारा 144 तोड़ने पर क्या सजा मिलती है. अगर कोई भी धारा 144 लागू होने के बावजूद किसी आंदोलन में हिस्सा ले रहा है या फिर प्रदर्शन कर रहा है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है. अगर कोई इसको तोड़ता है तो उसको गिरफ्तार कर लिया जाएगा और 2 साल तक सजा और जुर्माना का प्रावधान है.

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यह एक जमानती अपराध है और इसमें कोर्ट के तरफ से जमानत दे दिया जाता है. यही वजह है कि आंदोलन और प्रदर्शनों के बाद लोगों के खिलाफ मामले दर्ज होते हैं और उसमें धारा 144 के उल्लंघन का मामला भी दर्ज होता है. किसान आंदोलन के समय भी कई किसानों पर मामला दर्ज किया गया.

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