Coaching Centres: देश में स्कूल से ज्यादा आज के समय में कोचिंग सेंटर चलते हैं. लाखों कोचिंग संचालक मोटी-मोटी फीस लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन अब कोचिंग संचालकों का झूठ नहीं चलेगा क्योंकि इस पर रोक लगाने की सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. उपभोक्ता संरक्षण नियामक सीसीपीएन ने कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों के रोकथाम के लिए दिशा निर्देश के मसौदे पर 16 मार्च तक सार्वजनिक टिप्पणी मांगा है.
आधिकारिक बयान के अनुसार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के द्वारा कोचिंग संस्थानों विधि कंपनियां सरकार और स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन सहित सभी हितधारक के साथ विस्तृत विचार विमर्श के बाद मसौदा दिशा निर्देश तैयार किया गया है.
16 मार्च तक मांगा गया है जवाब
बयान में कहा गया है कि ” सार्वजनिक सुझाव/प्रतिक्रिया मांगी जा रही है और सुझाव 30 दिन के भीतर केंद्रीय प्राधिकरण को प्रदान किया जा सकता है. मसौदा कोचिंग को परिभाषित करता है और ऐसी शर्त बताता है जो भ्रामक विज्ञापन के अंतर्गत आता है.
मिसाल के तौर पर कोचिंग संस्थानों को पाठ्यक्रम के नाम पर और सफल उम्मीदवार द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम की अवधि या किसी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी से संबंधित जानकारी छुपाने की अनुमति नहीं होगी जो उपभोक्ता को उनके सेवाओं को चुनने का निर्णय को प्रभावित कर सकती है.
भ्रामक विज्ञापनों पर लगेगी रोक : Coaching Centres
CCPA के द्वारा जानकारी दिया गया है की दिशा निर्देशों का मकसद लोगों को कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों से बचाना है. कोचिंग में लगे सभी व्यक्तियों पर लागू होगा. कोचिंग क्षेत्र द्वारा भ्रामक विज्ञापनों को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अंतर्गत नियंत्रित रखा जाएगा और प्रस्तावित दिशा निर्देश उपभोक्ता हितो की रक्षा भी करेंगे.
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लगातार बढ़ते छात्रों के आत्महत्या के मामलों को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार का कहना है कि ऐसा करने से छात्रों की आत्महत्या के मामले में कमी आएगी. आम जनता के राय मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा.
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