बिहार सरकार करेगी सूखे की मार झेल रहे किसानों की मदद, फ्री बीज और फ्री बिजली देने की घोषणा

Bihar Government Scheme For Farmers: सूखे की मार झेल रहे किसानों पर बिहार की नीतीश सरकार मेहरबान हो गई है। सरकार की ओर से इन किसानों के लिए एक नई योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत खरीफ की खेती के दौरान कम बारिश से परेशान किसानों से कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने वैकल्पिक फसल लगाने की अपील की है। इसके साथ ही कृषि मंत्री ने इस योजना के तहत किसानों को सरकार की ओर से दी जाने वाली मदद और सुविधाओं की जानकारी भी साझा की।

क्या है बिहार सरकार की आकस्मिक फसल योजना? और कैसे इसका लाभ सूखे की मार झेल रहे किसान उठा सकते हैं? आइए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

क्या है आकस्मिक फसल योजना?(Bihar Government Scheme For Farmers)

किसानों को सरकार आकस्मिक फसल योजना के मद्देनजर 15 अन्य तरह की खेती के निशुल्क बीज उपलब्ध कराएगी। इसके साथ-साथ सरकार की ओर से सिंचाई के लिए डीजल सब्सिडी के साथ प्रतिदिन 12 घंटे विशेष तौर पर बिजली की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। बता दे बुधवार को बिहार सरकार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत की ओर से यह घोषणा की गई है।

कम बारिश के कारण कम हुई रोपनी

इस दौरान मंत्री ने कार्यालय कक्ष में मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि राज्य में खरीफ के लिए सामान्य रूप से 442.3 मिलीमीटर बारिश की आवश्यकता होती है, लेकिन मात्र 242.2 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। ऐसे में सामान्य से 45% बारिश के काम हो जाने से अब खरीफ और धान की रोपनी करना मुश्किल है। इस साल धान का आच्छादन 35,97,595 हेक्टेयर में किया जाना है, जबकि राज्य के तमाम हिस्सों में कुल 17,69,688 हेक्टेयर धान की ही रोपनी हुई है। यह आंकड़ा लक्ष्य का केवल 49.19 प्रतिशत है।

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वहीं इस कड़ी में इस साल मक्के का आच्छादन लक्ष्य 3,31,367 हेक्टेयर निर्धारित किया गया थास जिसकी एवज में अब तक सिर्फ 2,73,087.42 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्के की बुआई की गई है। बात बीते साल की करें तो बता दें कि 2022 में इस अवधि तक 30% धान की रोपनी और 33.7% मक्का की बुवाई हुई थी।

आकस्मिक फसल योजना के तहत इन फसलों के बीज देगी सरकार

इन हालातों में सरकार ने किसानों के लिए आकस्मिक फसल योजना के तहत 15 विभिन्न फसलों जैसी अल्पावधि धान (प्रमाणित), उड़द, सरसों, संकर मक्का, अरहर, तोरिया, मटर (अगात), कुल्थी, मडुआ, भिण्डी, बरसीम, मूली, सांवा, कोदो और ज्वार के कुल 41 हजार 264 क्विंटल बीज की व्यवस्था की है। किसान इन 15 फसलों में से किसी की भी रोपनी कर सकते है। सरकार की ओर से सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए विशेष तौर पर इस योजना की शुरुआत की गई है।

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