The Kerala Story में दिखाये गए रेप, सुसाइड, गला काटने वाले कई सीन्स, जाने कैसे हुए शूट?

The Kerala Story Collection: ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म रिलीज हो चुकी है। फिल्म ने रिलीज के साथ ही बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है। इस फिल्म को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि यह कमाई के मामले में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को टक्कर देगी। फिल्म पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। हर कोई इस फिल्म के बारे में बात कर रहा है। ऐसे में फिल्म को लेकर रिलीज से 1 दिन पहले खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी जनसभा के दौरान केरल की आतंकी साजिश की तस्वीर का जिक्र किया था। वही फिल्म के सिनेमैटोग्राफर प्रशांतनु महापात्रा ने एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान इस फिल्म की शूटिंग की बारीकियों को लेकर कई महत्वपूर्ण चीजें बताइए।

The Kerala Story

कैसे शूट हुए ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के सीन

इस दौरान सिनेमैटोग्राफर प्रशांतनु महापात्र ने बताया कि डायरेक्टर सुदीप्तो सेन के साथ लव-जिहाद पर आधारित इस डॉक्यूमेंट्री पर काम करते हुए कैसे इसकी हर बारीकी पर काम किया गया। उन्होंने कहा कि इस फिल्म पर काम करने के दौरान केरल जाकर पीड़िता के परिवार वालों से बातचीत की। वहीं से फिल्म का कांसेप्ट निकाला और उस डॉक्यूमेंट्री कि कुछ क्लिप्स का भी फिल्म में इस्तेमाल किया गया है। प्रशांतनु ने यह भी बताया कि एक सिनेमैटोग्राफर के तौर पर हमेशा उन्हें किरदारों से डिटैच होकर ही अपना काम करना होता है। भले ही अंदर कितने भी इमोशन हो, लेकिन हमें फिल्म को शूट करते समय अपने दिल को इतना मजबूत करना पड़ता है कि हम हमारे इमोशंस को पकड़ कर रख सके… हम उनमें बिल्कुल ना बहे।

रेप और इटेंस सीन के दौरान इस बात का रखा ख्याल

फिल्म के शूट को लेकर प्रशांत ने बताया कि इस फिल्म के शूट के दौरान केवल डे लाइटिंग, कैमरा एंगल, शॉट्स की क्लेरिटी जैसी टेक्निकल चीजों पर हमने खासतौर पर फोकस किया है। इस फिल्म की शूटिंग वाकई में बेहद मुश्किल थी। यह किसी लड़ाई के जैसी थी जो अपने अंदर चल रही थी। ऐसे में इसे शूट करते समय खुद को इससे अलग रखना सबसे ज्यादा जरूरी था। इस दौरान उन्होंने फिल्म शूटिंग के अपने अनुभव पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा- फिल्म में हर जगह पर कलर का बहुत बारीकी से ध्यान रखा गया है। जैसे अदा यानी शालिनी जब इंटेरोगेशन रूम में होती है, तो वहां पर ब्लू जैसे कलर का इस्तेमाल किया गया है, ताकि वह इंटेंस लग सके।

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उन्होंने कहा- इस दौरान जानबूझकर ज्यादा डार्क कलर नहीं इस्तेमाल किए गए। इस दौरान हमने इस फिल्म के हर सीन को कुछ ऐसे शूट किया है, जिससे सीन दिमाग में सोचा जाए। वह बयान दे रही है लेकिन दर्शक इसे सोच रहे हैं… उसकी फैमिली के बारे में… उसके प्यार में पड़ने के बारे में… इसके बाद सीरिया में हुए उसके रेप के बारे में… इस दौरान जैसे-जैसे वह अपनी आपबीती बता रही है और उनकी साथ हुई आपबीति का जिक्र कर रही है वह सारे सीन दर्शकों के दिमाग में चलने लगते हैं।

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इस दौरान एक सीन में शालिनी के साथ टेंट में लगातार मर्दों द्वारा रेप करना भी दिखाया गया है। इस सीन को हमने प्रतीकात्मक अंदाज में पेश किया है। टेंट की जगह लाइट के जरिए हमने वह रेप के एक्शन सीन शूट किए हैं, क्योंकि वह सीन इंजॉय करने वाले बिल्कुल नहीं थे, बल्कि परेशान करने वाले थे इसलिए हमने दर्शकों को उस सीन से अलग बनाए रखा, ताकि वह केवल उसे महसूस कर सके।

हर सीन को शूट करते हुए दर्शकों के इमोशन का रखा ध्यान

इसके साथ ही जब दूसरी लड़की जो नीमा का किरदार निभा रही है, उसके रेप सीन को दिखाया गया है तो हमने दोनों किरदारों को अलग-अलग दिखाया है। एक तरफ केवल लड़के को फ्रेम में दिखाया है, तो वही दूसरे फ्रेम में लड़की की बेबसी को दिखाया गया है। एक साथ दिखाते तो यह है सेक्सुअल हो जाता, जो हमारा मकसद बिल्कुल भी नहीं था… एक और सीन है जहां फिल्म में शालिनी का किरदार निभा रही लड़की से उसका पति मैरिटल रेप करता है। वहा शालिनी के मन की घृणा को दिखाना बेहद जरूरी था, इसलिए टेबल के सामने से खिड़की के बाहर सीन को शूट किया गया है। वहीं थर्ड पार्टी के नजरिए से भी इसमें लॉन्ग शॉर्ट्स डाले गए हैं। किरदारों को महत्व देने से लेकर उसके घर और पूरे शहर को दिखाते हुए दर्शकों के ख्याल और खालीपन दोनों को दिखाया गया है।

-7 डिग्री में भी की गई फिल्म की शूटिंग

इस दौरान उन्होंने बताया कि सीरिया और अफगानिस्तान का बॉर्डर दिखाने के लिए हमने फिल्म में लद्दाख की घाटियों पर शूटिंग की है। वहां 15 दिनों तक 10 से 12 घंटे तक शूटिंग की गई है। जिस दौरान फिल्म की शूटिंग यहां पर की गई उस समय यहां पर माइनस 7 डिग्री पारा था। कुछ सीन को शूट करना बेहद मुश्किल था। खास तौर पर वह जहां एक सीन में कैंप से शालिनी भाग रही होती है और उस सीन को शूट करने के लिए मैं हाथ में कैमरा लेकर भाग रहा था। वहीं एक सीन ऐसा था जहां पर लड़की सुसाइड करती है। उसके लटकते पैर को हमें जिस एंगल से पेश करना था, वह बहुत ही मुश्किल था।

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इसके बाद एक सीन ऐसा था जो बहुत ही ज्यादा मुश्किल था इस सीन में शालिनी अपनी गाड़ी से उतरती है और इसके बाद वहां गाड़ी गई लाशों को देखकर हैरान हो जाती है, कि किस तरह पत्थर मारकर वह लोगों को खत्म किया गया है। वह लाशें डमी नहीं थी, बल्कि क्रु के मेंबर्स को ही गाड़ कर खड़ा किया गया था। यहां भी हमने लाशों का क्लोजअप शॉट्स नहीं लिया था, बल्कि दूर के एंगल में धूप के विपरीत शूट किया… ताकि दर्शक को यह सीन हर्टफूल ना लगे।

गला काटने वाला सीन शूट करना था बेहद मुश्किल

इसके बाद सबसे ज्यादा मुश्किल वह सीन रहा जब एक महिला द्वारा लिपस्टिक लगाने पर उसे और उसके पति को सजा के तौर पर हाथ और गला काटने की सजा मिलती है। वह सीन इतना ज्यादा जंघ्नय था कि उसे शूट करना भी बहुत मुश्किल था। कटे हुए हाथ पहले से दिखाए गए हैं, वही खून के धब्बों के तौर पर पहले से शार्ट रेडी कर लिए गए थे। कैमरे के एंगल को सामने खड़ा किया गया था ताकि एक्शन बोलते ही तुरंत उस सीन को शूट किया जा सके और मुझे खुली आंखों से उस सीन को ना देखना पड़े। इस दौरान सिनेमैटोग्राफर प्रशांतनु ने लोगों से इस फिल्म को प्रोपेगेंडा के अपोजिट सिनेमैटिक नजरिए से देखने की भी अपील भी की।

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