Surya Grahan: भारत में 25 साल बाद लग रहा सूर्य ग्रहण, जाने कब से होगा शुरू और कितना रहेगा असर?

Surya Grahan 2022 Time: भारत में आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल कार्तिक अमावस्या तिथि पर लक्ष्मी गणेश की पूजा करते हुए दीपों के महापर्व दिवाली का जश्न पूरे देश में मनाया जाता है और अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, लेकिन इस बार दिवाली के तुरंत बाद आंशिक सूर्य ग्रहण लग रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक 25 साल बाद देश में दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण लगने वाला है, जिसके चलते दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा नहीं होगी, इसमें 1 दिन का अंतर रहेगा।

1300 साल बाद लग रहा ऐसा ग्रहण

एक गणना के मुताबिक करीब 1300 साल बाद सूर्य ग्रहण दो प्रमुख त्योहारों के बीच पड़ रहा है। इस दौरान बुध, गुरु, शुक्र और शनि सभी अपनी अपनी राशि में मौजूद रहेंगे। साल का आखिरी आंशिक सूर्य ग्रहण भारत के कई हिस्सों में नजर आएगा। इसके साथ ही भारत में सूर्य ग्रहण का सूतक काल में भी मान्य होगा, जिसके कारण ग्रहण से संबंधित धार्मिक मान्यताएं भी मान्य होंगे और उनका पालन भी किया जाएगा।

भारत में सूर्य ग्रहण कब से शुरू होगा

  • शाम 4 बजकर 22 मिनट से

भारत में सूर्य ग्रहण कब खत्म होगा

  • सूर्यास्त के समय शाम 5:00 बजकर 42 मिनट पर

भारत में लगने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक काल

  • भारत में सूर्य ग्रहण का सूतक काल 25 अक्टूबर कि सुबह 4:00 बजे से शुरू हो जाएगा

भारत के किस राज्य में कब से कब तक रहेगा सूर्य ग्रहण

  • दिल्ली- शाम 4 बजकर 29 मिनट से शाम 5 बजकर 42 मिनट तक
  • मुंबई- शाम 4 बजकर 49 मिनट से 6 बजकर 09 मिनट तक
  • जयपुर- शाम 4 बजकर 31 मिनट से 5 बजकर 49 मिनट तक
  • रायपुर- शाम 4 बजकर 51 मिनट से 5 बजकर 31 मिनट तक
  • उदयपुर- शाम 4 बजकर 35 मिनट से 6 बजकर 00 मिनट तक
  • अमृतसर- शाम 4 बजकर 19 मिनट से 5 बजकर 48 मिनट तक
  • लुधियाना- शाम 4 बजकर 22 मिनट से 5 बजकर 44 मिनट तक
  • शिमला- शाम 4 बजकर 23 मिनट से 5 बजकर 39 मिनट तक
  • लखनऊ- शाम 4 बजकर 36 मिनट से 5 बजकर 29 मिनट तक
  • इंदौर- शाम 4 बजकर 42 मिनट से 5 बजकर 53 मिनट तक
  • भोपाल- शाम 4 बजकर 49 मिनट से 5 बजकर 46 मिनट तक
  • कोलकाता शाम 4 बजकर 52 मिनट से 5 बजकर 03 मिनट तक
  • बेंगलुरू- शाम 5 बजकर 12 मिनट से 5 बजकर 55 मिनट तक
  • चैन्नई- शाम 5 बजकर 14 मिनट से 5 बजकर 44 मिनट तक
  • पटना- शाम 4 बजकर 42 मिनट से 5 बजकर 23 मिनट तक
  • गांधीनगर- शाम 4 बजकर 37 मिनट से 6 बजकर 05 मिनट तक
  • देहरादून- शाम 4 बजकर 26 मिनट से 5 बजकर 36 मिनट तक

भारत में कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?

वैदिक पंचांग में की गई गणना के आधार पर बात करें तो बता दे कि सूर्यग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर ही लगता है, लेकिन इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर और इस दिन आंशिक रूप से सूर्य ग्रहण देश के कई हिस्सों में लग रहा है। देश के खगोलीय वैज्ञानिकों का कहना है कि दिवाली के बाद लगने वाला सूर्य ग्रहण देश के उत्तरी एवं पश्चिमी भागों में आसानी से देखा जा सकता है। हालांकि इस दौरान पूर्वी भागों में यह सूर्य ग्रहण नहीं नजर आएगा, क्योंकि यहां पर सूर्यास्त जल्दी हो जाता है जिसके चलते इसे नहीं देखा जा सकेगा। भारत में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 4:00 बजे के बाद ही होगी।

देश के किन राज्यों में नजर आएगा सूर्य

राजधानी दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू, श्रीनगर, लेह और लद्दाख, राजस्थान पश्चिमी मध्य प्रदेश और पंजाब में सूर्यग्रहण नजर आएगा। इसके अलावा दक्षिण भारत के हिस्से जैसे तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मुंबई, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और बंगाल में कुछ समय के लिए सूर्य ग्रहण दिखेगा।

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किन राशियों पर लगेगा सूर्य ग्रहण

ज्योतिष गणना के मुताबिक दिवाली के बाद 25 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण तुला राशि पर लगेगा। तुला राशि के लोगों पर इसका असर होगा।

ग्रहण के समय क्या करें और क्या ना करें

जब भी कोई ग्रहण लगता है तो उसके सूतक काल को भी मानना चाहिए सूर्य ग्रहण होने के 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण लगने के 5 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। सूतक काल को अशुभ माना जाता है, इसलिए सूतक लगने पर पूजा-पाठ, अनुष्ठान, धार्मिक एवं शुभ कार्य नहीं करनी चाहिए साथ ही मंदिर के पट भी बंद कर देनी चाहिए।

ग्रहण के समय क्या ना करें

  • ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी देवता का पूजन पाठ नहीं करना चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान भोजन न पकाएं एवं ना ही कुछ खाना पीना-खाए।
  • गर्भवती महिलाओं को ग्रहण बिल्कुल नहीं देखना चाहिए और ना ही उस दौरान घर से बाहर जाना चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान तुलसी के साथ-साथ अन्य किसी पौधे को भी नहीं छूना चाहिए।

ग्रहण के समय क्या करें

  • ग्रहण शुरू होने से पहले यानी सूतक काल को ही प्रभावी माना जाता है, इसलिए सूतक काल से ही खाने पीने की चीजों में पहले से ही तुलसी तोड़कर डाल देनी चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए।
  • ग्रहण के समय लगने वाले ग्रहण के असर को कम करने के लिए मंत्रों का जाप लगातार करते रहना चाहिए।
  • ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करने के बाद ही पूजा-पाठ एवं खाना पीना चाहिए।
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