पटना: अब IGIMS में कम खर्च पर हो सकेगा लिवर ट्रांसप्लांट, 10 लाख तक अनुदान देगी सरकार

IGIMS में अब लीवर के मरीज चार से पांच लाख के खर्च में लिवर ट्रांसप्लांट करा सकेंगे। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार 10 लाख रुपये का अनुदान देंगी। गौरतलब है कि इस प्रस्ताव को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मंजूरी दी जा चुकी है। दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल के ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ सुभाष गुप्ता द्वारा IGIMS में लीवर ट्रांसप्लांट किए जाने की शुरुआत की जायेगी। वे 10 लिवर ट्रांसप्लांट करके इसकी शुरुआत करेंगे। ट्रांसप्लांट के लिए अब तक मे 110 मरीज संपर्क कर चुके हैं, जबकि 15 मरीज इसके लिए चिह्नित किये जा चुके हैं। इसके लिए लिवर ट्रांसप्लांट क्लिनिक की शुरुआत की जा चुकी है।

प्रत्येक शनिवार को सुबह के 10 से 12:30 बजे तक का समय लिवर ट्रांसप्लांट से जुड़े मरीजों की काउंसेलिंग व इलाज के निर्धारित किया गया है। डॉ साकेत कुमार, डॉ राकेश कुमार सिंह व डॉ अमरजीत कुमार राज की देखरेख में लीवर ट्रांसप्लांट का काम संपन्न किया जाएगा।

पहला लिवर ट्रांसप्लांट हो गया था असफल

19 मार्च, 2020 को आइजीआइएमएस में पहली बार लिवर ट्रांसप्लांट की कोशिश की गई थी, लेकिन यह प्रयास असफल हो गया था, 48 घंटे के अंदर ही मरीज की मृत्यु हो गयी थी। तब नालंदा के रहने वाले रोहित कुमार का लिवर नोएडा के डॉ निमेश चंद्रा मे ट्रांसप्लांट किया गया था। मेडिकल सुपरिटेंडेंट, IGIMS डॉ मनीष मंडल का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने लिवर ट्रांसप्लांट के लिए अच्छी तैयारी कर ली है। शीघ्र ही अस्पताल प्रशासन को स्वीकृति पत्र भी जारी कर दिया जाएगा। प्रत्येक शनिवार ओपीडी की भी शुरूआत कर दी गयी है।

प्राइवेट क्लिनिक में लगता है 40 से 60 लाख रुपये तक का खर्च :

चिकित्सकों के अनुसार तो दिल्ली स्थित अपोलो, मेदांता, मैक्स, नारायणा आदि बड़े प्राइवेट अस्पतालों में लिवर ट्रांसप्लांट पर कई सरकारी हॉस्पिटल की तुलना मे कई गुना अधिक खर्च आते हैं। इन प्राइवेट हॉस्पिटल में 21 लाख रुपये से 29 लाख रुपये तक लिवर ट्रांसप्लांट का पैकेज है। इसमें भर्ती रहने व इलाज का खर्च, दवाओं के खर्च आदि शामिल नहीं होते, बल्कि यह अलग से जमा करना होता है। सब मिला कर 40 से 60 लाख रुपये तक का कुल खर्च आता है।

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