बिना कारण लंबित दाखिल खारिज केस को लेकर सरकार ने उठाया बड़ा कदम, जारी किया नया आदेश

Mutation Bihar: बिहार में जमीन खरीद के लिए नई दाखिल खारिज बड़ी समस्या बन चुकी है। विभागीय आंकड़ों को देखे तो अभी लगभग 7,50,000 मामले लंबित पड़े हैं और इसकी मुख्य वजह में से एक है कि अंचल कार्यालय स्तर पर ऑनलाइन प्राप्त हुए आवेदनों को बिना किसी सटीक कारण लें उसे अस्वीकृत कर दिया गया है।

इसके साथ ही लापरवाही की वजह से आवेदनों का निष्पादन निर्धारित समय पर नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि अवैध उगाही के लिए यह सभी काम किया जा रहा है इसको देखते हुए अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तरफ से कड़ी निगरानी की जा रही है।

Also Read: आम आदमी की तरह बिहार के इस DM ने सरकारी अस्पताल में कराई पत्नी की डिलीवरी, बेटे का हुआ जन्म

आवेदन को बार-बार अस्वीकृत करना या बिना किसी कारण के उसे रद्द करने के दोषी पाए जाने पर 200 से अधिक को CO से विभाग ने शो कॉज किया है। संतोष जनक जवाब नहीं मिलने और विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित सर्किल ऑफिसर पर कार्रवाई होगी।

whatsapp channel

google news

 

दाखिल खारिज से जुड़े मामलों में लाई जाएगी पारदर्शिता- Mutation Bihar

दाखिल खारिज से जुड़े आवेदनों के निपटारे में पारदर्शिता लाने के लिए फिफो यानी फर्स्ट कम फर्स्ट गो का प्रावधान सख़्ती से लागू किया जाएगा। अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसे पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी इसके साथ ही गड़बड़ी करने वाले अमीन और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई करने का अधिकार संबंधित जिले के डीएम को दिया गया है।

जानिए इसके बारे में क्या कहते हैं मंत्री

दाखिल खारिज को निर्धारित समय पर निपटने के लिए को co समेत सभी पदाधिकारी को सख्त आदेश दिया गया है। इसमें गड़बड़ी या लापरवाही अगर किसी ने किया तो उसे पर सख्त कार्रवाई होगी इसके साथ ही लंबित आवेदनों की संख्या जल्द काम करने का आदेश दिया गया है।

जारी किया गया यह आदेश

आगामी दो महीने में विभाग का लक्ष्य है कि लंबित आवेदनों की संख्या 6 लाख अंदर लाई जाए। बता दें कि विभाग में प्रत्येक महीने औसतन दो लाख और वर्ष में औसतन 25 लाख दाखिल-खारिज के आवेदन आते हैं। वहीं एक आवेदन और इससे संबंधित सभी कागजातों को सघन जांच-पड़ताल कर फाइनल करने में तकरीबन 70 दिन तक लगते हैं। ऐसे में 6 लाख के अंदर आवेदनों की संख्या आने का मतलब होगा कि ये आवेदन प्रक्रियाधीन हैं। इन्हें लंबित नहीं माना जा सकता है। आने वाले कुछ महीने में दाखिल-खारिज से जुड़े सभी आवेदनों का निपटारा कम से कम समय में करने की सुविधा किया जाएगा।

Also Read: इस फोरलेन के बनने से पटना और गोपालगंज के बीच नाममात्र की रह जाएगी दूरी, देखें पूरा रुट

Share on