पटना में पूरा होगा ‘इसरो’ का सपना, NIT में खुला रिजनल सेंटर, पूर्वी भारत को करेगा कंट्रोल

जो छात्र स्पेस रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं , बिहार के पटना में भी उनका सपना साकार हो सकेगा। अब राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना (एनआईटी पटना) में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), बेंगलुरु की साइंटिफिक ब्रांच खोली जाएगी।

NIT पटना और ISRO में समझौता

इसरो और एनआईटी पटना के बीच क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र सह साइंटिफिक सेंटर की स्थापना के लिए समझौता हुआ है, इसके लिए (एमओयू) पर हद्ताक्षर किए गए। इस मौके पर एनआईटी पटना के निदेशक पीके जैन, सीबीपीओ के निदेशक सुधीर कुमार एन और इसरो मुख्यालय के सहयोगी निदेशक एमए पॉल मौजूद थे।

NIT पटना में अंतरिक्ष की भी पढ़ाई

नए रिसर्च सेंटर से एनआईटी पटना मे बीटेक और एमटेक के अध्ययनरत छात्रों को अंतरिक्ष से संबंधित शोध की पढ़ाई करने में सहायता होगी। समझौते के बाद एनआईटी के कोर्स में अंतरिक्ष विज्ञान को भी शामिल किया जाएगा। एनआईटी पटना कैंपस में इसरो अपना सेटअप स्थापित करेगा। इससे पूर्वी भारत (बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और सिक्किम सहित) में अंतरिक्ष कार्यक्रम की गतिविधियों से संबंधित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। इसरो की अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए एनआईटी-पटना नोडल केंद्र के रूप में काम करेगा।

एनआईटी पटना के लिए सुनहरा मौका

पीके जैन ने बताया कि अंतरिक्ष के लिए क्षेत्रीय अकादमिक केंद्र की स्थापना के बाद एनआईटी पटना पूर्वी क्षेत्र में अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए सलाहकार संस्थान के रूप मे कार्य करेगा। इसरो की आवश्यकता के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान गतिविधियों को मिलेगा। कई स्पेशलिस्ट भी है, जो इस कार्य मे सहायता करेंगे। वैज्ञानिक द्वारा परियोजना की समीक्षा, निगरानी और मार्गदर्शन की जाएगी।

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हर साल दो करोड़ रुपए की मदद

एनआईटी पटना के निदेशक की तरफ से जानकारी दी गई कि यदि पूर्वी भारत के किसी भी संस्थान को कोई आवश्यकता हुई तो उनके लिए सुविधा के मौके खुले रहेंगे। इसरो की तरफ से सालाना दो करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता भी मुहैया कराई जाएगी। जो अनुसंधान परियोजनाओं तथा स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी और शिक्षण संकायों के लिए होगा। अल्पकालिक परियोजनाएं एनआईटी-पी और अन्य संस्थानों के बीटेक/एमटेक छात्रों की सहायता के लिए होगी। मालूम हो कि देश भर में इसरो के कुल पांच क्षेत्रीय अकादमिक केंद्र है। जिनमें आईआईटी-बीएचयू (वाराणसी), एनआईटी-कुरुक्षेत्र, एमएनआईटी जयपुर, एनआईटीके-सुरथकल और गुवाहाटी विश्वविद्यालय शामिल हैं।

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