पिता बेचते थे अखबार, बेटी पहली बार में ही क्रैक किया IAS एग्‍जाम, अफसर बन बढ़ाया पिता का मान

पिछले साल हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी हुआ था जहां कुल 48 छात्रों ने सफलता हासिल की थी और उन्ही सफल अभ्यार्थियों में से एक थी 26 साल की शिवजीत भारती। आज हम आपको भारती की कहानी से रूबरू करवाएंगे की कैसे उन्होंने मुश्किलों से लड़ कर अपने पिता के सपने को साकार किया।

मूल रूप से हरियाणा से ताल्लुक रखने वाली शिवजीत भारती के पिता गुरनाम सैनी एक अखबार विक्रेता हैं जो सूरज निकलने से पहले जगते हैं और जगह जगह अखबार बांटने का काम करते हैं। वही उनकी माँ शारदा सैनी आंगनबाड़ी में काम करती हैं। 26 साल की उम्र में भले ही भारती ने इस परीक्षा को पास कर लिया हो मगर उनके लिए ये सफर आसान नही था।

घर में पैसों की तंगी के कारण भारती के लिए अच्छी शिक्षा प्राप्त करना बेहद चुनौतीपूर्ण था मगर उन्होंने कड़ी मेहनत कर आज जो सफलता हासिल की है वो वाकई काबिलेतारीफ है। उन्होंने ये साबित कर दिया कि हर चीज आसान है अगर मन में हौसला बुलंद हो तो।

यूं तो भारती यूपीएससी के परीक्षा की तैयारी कर रही थी मगर उन्हें बीच में हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा देने का मौका मिला। जिसके बाद उन्होंने अपने पहले ही एटेम्पट में इस परीक्षा को क्लियर कर लिया। एक इंटरव्यू के दौरान भारती ने बताया कि उन्हें पुरा यकीन हैं कि अब वह यूपीएससी की परीक्षा को भी पास कर लेंगी और उनका अगला लक्ष्य भी यही है।

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भारती ने आगे बताया कि उनके घर में माता पिता के अलावा दो भाई बहन भी हैं और उनकी पढ़ाई का खर्च निकालना भी बेहद मुश्किल था। इसलिए उन्होंने साल 2015 में पंजाब यूनिवर्सिटी से मैथ्स से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद बच्चों को ट्यूशन देना शुरू किया ताकि वह अपना खुद का खर्च निकाल सके।

अपनी सफलता पर भारती ने कहा कि जीवन में अगर सफलता की सीढ़ी चढ़नी हो तो इंसान के पास एक मात्र उपाय है मेहनत। इंसान अपनी मेहनत से कुछ भी हासिल कर सकता है। क्योंकि भारती को शुरू से ही किताबें पढ़ना पसंद है और वह अपने खाली टाइम में भी
बुक्स, अखबार, मैग्‍जीन पढ़ना और यूट्यूब पर जानकारी से भरे वीडियोज देखा करती थी। भारती ने बताया की परीक्षा को पास करने के लिए ये चीजें भी खूब काम आई।

भारती ने आगे बताया कि जब वह परीक्षा की तैयारी कर रही थी तब उस वक़्त उनपर शादी का बेहद दबाव था। आस पड़ोस, रिश्तेदार सब भारती के माता पिता को भारती की शादी का सुझाव देते थे मगर उनके माता पिता के लिए शिक्षा पहली प्राथमिकता थी इसलिए उन्होंने इन सब बातों पर ध्यान ना देते हुए बेटी को पढ़ाई करने के लिए छोड़ दिया। वही भारती ने भी परीक्षा पास कर अपने माता पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।

इंटरव्यू के दौरान भारती ने बताया की वह अपने पूरे करियर के दौरान काफी शांत रहेगी और विनम्रता से काम लेंगी। अपनी कामयाबी को खुद पर हावी नही होने देंगी। वही उनके पिता गुरनाम सैनी ने कहा कि अपनी बेटी की सफलता को दख उनका सीना गर्व से चौड़ा हो चुका है और वह सातवें आसमान पर है।

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