‘तेजस’ की नींव रखने वाले बिहारी वैज्ञानिक मानस बिहारी वर्मा का निधन, अब्दुल कलाम के थे खास

दरभंगा जिला के घनश्यामपुर प्रखंड के बाउर गांव से निकल कर दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले मानस बिहारी वर्मा का देहांत हो गया। काफी समय से वो अस्वस्थ चल रहे थे लेकिन बीती रात यानी सोमवार को हार्ट अटैक होने से उनकी मौत दरभंगा के लहेरियासराय स्थित निवास स्थान पर हो गई। उनके मौत की खबर सुनकर इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।खबर के अनुसार उनका निधन सोमवार की रात करीब 11.45 बजे लहेरियासराय के केएम टैंक स्थित आवास पर हार्ट अटैक के कारण हो गया। डॉ. वर्मा के भतीजे मुकुल बिहारी वर्मा ने इस बात की जानकारी दी। वर्तमान में वे केएम टैंक मोहल्ले में किराए के मकान में रह रहे थे।

मानस बिहारी वर्मा के बारे में बात करे तो उनका जन्म दरभंगा जिला के घनश्यामपुर प्रखंड के बाउर गांव में ही हुआ था। उनके पिता का नाम किशोर लाल दास था। उनके परिवार में तीन भाई और चार बहन थे। उनकी स्कूली शिक्षा मधेपुर के जवाहर हाई स्कुल से पूरी हुई थी जिसके बाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना और कलकत्ता विश्वविद्यालय से अध्यन किया था।

मानस बिहारी वर्मा ने 35 वर्षों तक DRDO में एक वैज्ञानिक के तौर पर काम किया। उन्होंने बैंगलोर, नई दिल्ली और कोरापुट में स्थापित विभिन्न वैमानिकी विभागों में भी काम किया। मानस बिहारी को लंबे समय तक पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ काम करने का मौका भी मिला।

डा. वर्मा को दर्जनों पुरस्कार से नवाजा जा चुका था। उन्‍हें डीआरडीओ के ‘साइंटिस्ट ऑफ द इयर’ और ‘टेक्नोलॉजी लीडरशिप अवॉर्ड’ से क्रमशः पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने सम्‍मानित किया था। 2018 में उन्‍हें पद्मश्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया। वह अलग-अलग एनजीओ के जरिए बच्चों और शिक्षकों के बीच विज्ञान का प्रसार करने में जुटे रहते थे।

whatsapp channel

google news

 
Share on