आपने अक्सर देखा होगा कि लोग पैसे की लालच में अपना देश छोड़कर विदेशों में जाकर बस जाते हैं। लेकिन आज हम एक ऐसे शख्स से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने विदेश में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी छोड़कर अपने देश के विकास के लिए वापस वतन लौट आए हैं।
आज हम कनिष्क कटारिया के बारे में जानेंगे जिन्होंने करोड़ों युवाओं को यह संदेश दिया है कि देश से ऊपर कुछ भी नहीं हो सकता हमे हमेशा अपने देश के विकास के लिए तत्पर रहना चाहिए। कनिष्क कटारिया की बात करें तो वह साउथ कोरिया में एक मल्टी नेशनल कंपनी में करोड़ों रुपए की पैकेज पर नौकरी कर रहे थे।
उन्होंने इतनी बड़ी रकम की नौकरी को छोड़कर भारत आने का फैसला किया उनका विजन था कि देश की सेवा की जाए देश के निम्न वर्गों की सहायता करने के लिए उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा देने का निर्णय किया। यह निर्णय बहुत कठिन रहा होगा क्योंकि आजकल के समय में एक अदद नौकरी के लिए युवा तरस जाते हैं लेकिन कनिष्क ने करोड़ों रुपए वाली नौकरी को ठुकरा कर देश सेवा के लिए आगे आए।
आइए जानते हैं UPSC टॉपर कनिष्क से कि उन्होंने UPSC की तैयारी कैसे की ।
कनिष्क ने हमें बताया कि उनका बचपन का सपना था कि वह देश के बाहर जाएं और नए-नए जगहों को एक्सप्लोर करें। उन्होंने बताया कि उन्हें प्लेसमेंट के बाद जॉब मिली थी। कनिष्क ने साउथ कोरिया में तकरीबन 1 साल तक नौकरी की जिसके बाद उन्होंने भारत वापस लौटने का निर्णय किया।
उनका कहना था कि उन्होंने खुद के लिए तो बहुत कुछ किया अच्छी सैलरी भी आ रही थी लेकिन उनके मन में हमेशा यह बात उठती थी कि उन्होंने देश के लिए क्या किया। वह जरूरतमंदों की मदद करना चाहते थे वह देश सेवा करना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने दक्षिण कोरिया की मल्टीनेशनल कंपनी की जॉब से इस्तीफा देकर भारत लौट आए और उन्हे पुरानी सैलरी कि एक तिहाई सैलरी पर जॉब करना पड़ा।
पिता भी एक आईएएस अधिकारी
कनिष्क के पिता भी एक आईएएस अधिकारी हैं और उन्होने अपने पुत्र का मार्गदर्शन भी किया। कनिष्क के प्रेरणस्रोत भी उनके पिता ही रहे। कनिष्क ने बताया कि उनके ताऊ जी और पिताजी दोनो ही सिविल सेवा में हैं जिन्हें देखकर उनके अंदर भी उन्हीं के जैसे बनने की भावना जागृत होती थी वो उन्हीं कि तरह देशसेवा करना चाहते थे। कनिष्क इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से थे ऐसे में उन्होने शुरू से ही कोचिंग लेना प्रारंभ कर दिया था । उनकी शुरुवात से ही अख़बार पढ़ने और खबरों में अपडेट रहने कि आदत सी थी।
यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए दिये ये मंत्र
कनिष्क UPSC की तैयारी करने के लिए रोज 13 से 14 घंटा पढ़ाई किया करते थे। उनका कहना है कि यूपीएससी की तैयारी करने में मेंस परीक्षा अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को भी यही संदेश दिया है कि मेंस परीक्षा पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। उनका यह भी मानना था कि प्रीवियस ईयर क्वेश्चन और मॉक टेस्ट से भी काफी मदद मिलती है।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि छात्रों को IAS प्रारंभिक परीक्षा के बाद उत्तर लेखन पर ध्यान लगाना चाहिए। छात्रों को ज्यादा से ज्यादा खुद से बनाएं नोट्स ही पढ़नी चाहिए। उनका कहना है कि अगर सच्ची लगन और फोकस के साथ पढ़ाई कि जाए तो यूपीएससी कि परीक्षा में सफलता हासिल कि जा सकती है। और साथ ही अगर देशसेवा का जुनून हो तो कोई लक्ष्य मुश्किल नहीं होती है।
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