पहले विक्रम बेताल मे दिखाया जलवा, फिर ऐसे बनी ‘रामायण की सीता’, आज चलाती हैं करोड़ों का ये कारोबार

आपको दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली रामानंद सागर की रामायण तो याद ही होगी जिसमें कलाकारों द्वारा निभाये गए हर एक किरदार लोगों के दिलों में बसते हैं और आज भी उन्हें उनके किरदारों के नाम से ही पहचानते हैं। इन्ही किरदारों में से एक था सीता का किरदार। अभिनेत्री दीपिला चिखलिया द्वारा निभाये गए सीता के किरदार के बाद वह देश के हर घर में माता सीता के नाम से ही जानी जाने लगी। दीपिका ने अपने माता सीता के किरदार को इतना बखूबी निभाया की लोग उन्हें सच मे माता सीता समझने लगे। भले ही दीपिका ने अपने फिल्मी करियर में बहुत सारी भाषाओं में फिल्में की हो मगर उनका सीता का किरदार सबसे पॉपुलर रहा। तो चलिए आज हम आपको माता सीता के किरदार को पर्दे पर जीवंत करने वाली दीपिका चिखलिया के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताते है।

मूल रूप से मुम्बई से ताल्लुक रखने वाली दीपिका का जन्म साल 1965 में हुआ था। बचपन से ही एक्टिंग में रुचि रखने वाली दीपिका ने अपने स्कूली दिनों से ही छोटे मोटे नाटकों में भाग लेना शुरू कर दिया था। एक इंटरव्यू के दौरान दीपिका ने बताया था कि जब उनके पिता का ट्रांसफर कोलकाता शहर में हुआ तब वह केवल 4 साल की थी.   एक पार्टी के दौरान जब बंगाली फ़िल्म के जाने माने अभिनेता उत्तम कुमार ने उन्हें देखा तो उन्होंने दीपिका के माता पिता से उन्हें बाल कलाकार के तौर पर अपने फ़िल्म के लेने की बात कही। मगर उस वक़्त दीपिका बहुत छोटी थी इस कारण उनके  माता पिता ने इस ऑफर को मना कर दिया। उनका मानना था कि फिल्मों में कारण दीपिका की पढ़ाई में काफी बढ़ा आ जायेगी। 

माँ ने दिया पूरा सहयोग :-

भले ही दीपिका के जन्म मुम्बई में हुआ हो मगर उनके पूर्वज गुजरात से ताल्लुक रखते हैं और इसी कारण दीपिका भी गुजरात से जुड़ा हुआ महसूस करती हैं। दीपिका केवल 14 साल की थी जब उन्होंने कमर्शियल विज्ञापनों में काम करना शुरू किया था और उसी वक़्त से उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनानी शुरू कर दी थी। हालांकि दीपिका के पिता को उनका फिल्मी दुनिया में काम करना बिल्कुल पसंद नही था मगर दीपिका की माँ शुरुवात से ही दीपिका के पूर्ण सहयोग करती थी।

पहली फ़िल्म हुई थी सुपरहिट :-

बहुत कम लोग ही ये जानते होंगे कि दीपिका को अपनी पहली फ़िल्म ही राजश्री प्रोडक्शन के बैनर तले मिली। जिसके बाद लोगों ने उन्हें साल 1983 में फ़िल्म “सुन मेरी लैला” में अभिनेता राज किरण के साथ देखा। आपको बता दें कि यह फ़िल्म इतने बड़े बैनर की थी कि इसे रिलीज होने में काफी वक्त लगा। मगर जब ये फ़िल्म पर्दे पर आई तो इसने ना सिर्फ लोगों का दिल जीता बल्कि बॉक्स आफिस पर सुपरहिट भी साबित हुई।

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राजश्री ने ही दिया टीवी पर मौका

पहली फ़िल्म सुपरहिट होने के बाद दीपिका का करियर सही ट्रैक पर चल रहा था। तभी राजश्री प्रोडक्शन ने एक बार फिर दीपिका को ऑफर दिया लेकिन इस बार उनको यह ऑफर किसी फिल्म के लिए नही बल्कि धारावाहिक “पेइंग गेस्ट” के एक एपिसोड के लिए मिला था। क्योंकि दीपिका के ऊपर राजश्री प्रोडक्शन का एक एहसान था इसलिए उन्होंने उस धारावाहिक में काम करने के लिए झट से हां कह दिया। हालांकि उस वक़्त कलाकारों का धारावाहिक में काम करना ऐसा समझा जाता था कि उनके पास कोई फ़िल्म नही है करने को इसलिए वह धारावाहिकों में काम कर रहे हैं। लेकिन दीपिका ने इन सारी बातों को साइड रख राजश्री का ऑफर मान लिया।

टीवी सीरिअल्स की रानी का मिला खिताब :-

पेइंग गेस्ट में नजर आने के बाद दीपिका को कई टीवी सीरियल्स के ऑफर आने लगे और फिर उन्होंने रामानंद सागर के सीरियल विक्रम बेताल में काम किया और अपने शानदार अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया था। उन्होंने इस सीरियल में अपने किरदार को इतना बढ़िया निभाया की रामानंद सागर की दीपिका सबसे पसंदीदा एक्ट्रेस बन गई। उस समय दीपिका चिखलिया की छवि मीडिया में ऐसी बन गई कि लोग उन्हें टीवी सीरियल्स की रानी कहने लगे थे।

टेस्ट पास कर मिला सीता का रोल :-

फिर दीपिका चिखलिया के जीवन में वो मौका आया जब उन्हें रामानंद सागर के लोकप्रिय धारावाहिक “रामायण” में सीता का किरदार निभाने का मौका मिला। उन्होंने इस किरदार को पाने के लिए बहुत पापड़ बेले थे। लगभग 25 कलाकारों के साथ स्क्रीन टेस्ट देने के बाद दीपिका ने ये रोल हासिल किया था। ना सिर्फ डायलॉग डिलीवरी बल्कि दीपिका के चेहरे के हाव भाव और चलने फिरने का भी पूरा टेस्ट किया गया था तब जाकर उन्हें सीता के रोल के लिए फाइनल किया गया था।

राजीव गांधी ने बुलाया था दावत पर:-

सीता का किरदार उनके जीवन का सबसे बड़ा काम साबित हुआ। उन्होंने इस किरदार को निभाकर देश के हर घर में अपनी एक अलग पहचान बनाई या फिर यह सकते है कि लोगों ने उन्हें सच में माता सीता मान कर उनकी पूजा करनी शुरू कर दी थी। दीपिका के इस किरदार ने उन्हें इतना फेमस बना दिया था कि उस समय के देश के प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी ने उन्हें अपने घर पर दावत के लिए बुलाया था और राजीव और उनकी पत्नी सोनिया ने उनकी खूब तारीफ की थी।

राजनीति में भी कमाया नाम :-

फिल्मों और सीरिअल्स में अपना नाम कमाने वाली दीपिका ने भारतीय राजनीति में भी अपना हाथ आजमाया है। साल 1991 में दीपिका ने ना सिर्फ की और से गुजरात के वडोदरा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा बल्कि 50 हज़ार वोटों से राजा रंजीत सिंह गायकवाड को मात भी दी। एक इंटरव्यू के दौरान दीपिका ने बताया था कि उनका राजनीति में जाने का कोई भी प्लान नही था। वो तो सीरियल रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी ने उन्हें राजनीति में जाने का सुझाव दिया था जिसके बाद दीपिका ने यह फैसला लिया था।

करोड़ों रुपयों की हैं मालकिन :-

बात करें अगर दीपिका चिखलिया के पर्सनल लाइफ की तो दीपिका ने कॉस्मेटिक्स के बहुत बड़े व्यापारी हेमंत टोपीवाला से ब्याह रचाया हैं। बचपन से ही दीपिका को एक्टिंग के साथ साथ पेंटिंग्स में भी बहुत रुचि थी इसलिए शादी के बाद उन्हें जब भी खाली समय मिलती वह पेंटिंग्स करना शुरू कर देती हैं। दो बच्चों की माँ और देश के लिए माता सीता की छवि जैसी दीपिका अपने पति के साथ उनके बिज़नेस में हाथ बटाती हैं। उनके ऑफिस में दीपिका रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में काम करती हैं। आज के समय में वह करोड़ों रुपयों की मालकिन हैं।

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