बिहार में जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री का बदला नियम, खरीदने से पहले जान लें सरकार का नया रुल

Bihar Government New Rule For Land And Flat Registration: बिहार में जमीन, मकान और फ्लैट समेत अन्य किसी भी तरह के प्रॉपर्टी संबंधी मामलों में अब एक नया नियम लागू हो गया है, जिसके तहत अब इनके निबंधन की प्रक्रिया में गवाह की मौजूदगी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया जाएगा। बता दें यह नया प्रावधान 1 जून से लागू हो जाएगा, जिसके तहत अब किसी भी तरह के निबंधन में दो या चार गवाहों को लाने की आवश्यकता नहीं है। इसमें खरीदने वाले और बेचने वाले दोनों को ही गवाहों की इस अनिवार्यता की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। इस नए प्रावधान के मद्देनजर निबंधन कार्यालय में सिर्फ जमीन या फ्लैट को खरीदने और बेचने वाले लोग ही आ सकते हैं।

बिहार सरकार ने जमीन व फ्लैट रजिस्ट्री नियम में क्या बदलाव

नीतीश सरकार की ओर से जमीन व फ्लैट की रजिस्ट्री के मामले में एक बड़ा फैसला लिया गया है, जिसके बाद इस नए नियम के तहत जमीन खरीदने व बेचने वाले अकेले ही निबंधन कार्यालय आ सकते हैं। अन्य किसी तीसरे व्यक्ति को लाने की आवश्यकता नहीं है। इस नए नियम के बाहर करने को लेकर उत्पाद, मध्य निषेध एवं निबंधन विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही संबंधित कंपनी को सॉफ्टवेयर में एक अहम बदलाव करने के लिए भी कहा गया है। 1 जून इसकी डेडलाइन हैं। इसके बाद से सिर्फ जमीन बेचने वाला और खरीदने वाला ही आमने-सामने सौदा करेगा। यह दोनों अपना-अपना आधार नंबर यहां देंगे और बायोमेट्रिक प्रणाली के जरिए दोनों के बीच कॉन्ट्रैक्ट होगा।

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इस मामले में निबंधन कार्यालयों में जमीन, फ्लैट की रजिस्ट्री के दौरान लोगों की बेवजह लगने वाली भीड़ को कम करने के मद्देनजर यह फैसला किया गया है। एक रजिस्ट्री में 4 से अधिक गवाह होने से हर दिन रजिस्ट्री कराने आने वाले लोगों के साथ गवाहों की लंबी भीड़ रहती है। इससे कार्यालय के कामकाज पर भारी असर पड़ता है और प्रक्रिया भी प्रभावित होती है। वही यह भी देखा गया है कि कई मामलों में तो गवाह जुटाने के लिए बिचौलिए किस्म-किस्म के लोगों को ले आते हैं और अपने मामले से जोड़ लेते हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इस नई प्रणाली को बहाल करने का फैसला किया गया है।

हर दिन होते है 5000 निबंधन

गौरतलब है कि राज्य में छोटे-बड़े सभी तरह के 137 निबंधन कार्यालय हैं। इन सभी में रोजाना औसतन 5000 से अधिक निबंधन होते हैं। 5000 निबंधन में गवाहों की संख्या और भी ज्यादा होती है, जिससे कार्यालय का काम बाधित होता है। सरकार के इस नए फैसले के साथ कार्यालय पर बेवजह की भीड़ नहीं लगेगी और साथ ही काम में भी तेजी आयेगी।

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