शहीद कैप्टन आनंद को प्रिंस बुलाते थे लोग, 95% मार्क्स के साथ पास की थी मैट्रिक परीक्षा

सोमवार को जम्मू कश्मीर (Jammu-kashmir) में हुए ग्रेनाइट हमले में बिहार के लाल कैप्टन आनंद कुमार शहीद (Martyr Captain Anand Singh) हो गए। आज उनका पार्थिव शरीर बिहार उनके पैतृक आवास पर लाया जा रहा है। कैप्टन आनंद खगड़िया के शिरोमणि गांव के रहने वाले हैं। आज उनकी शहादत को पूरा गांव, पूरा देश नमन कर रहा है। कैप्टन आनंद के शहीद होने की खबर जैसे ही उनके गांव उनके परिवार (Martyr Captain Anand Singh Family) में पहुंची तो सभी जगह सन्नाटा पसर गया। जानकारी के मुताबिक कैप्टन आनंद 10 जुलाई को ही अपने गांव से छुट्टियां पूरी करने के बाद अपनी ड्यूटी पर वापस लौटे थे।

Martyr Captain Anand Singh

कैप्टन आनंद की शहादत से नम हुई सबकी आंखे

हाल ही में शहीद कैप्टन आनंद ने अपने परिवार के साथ अपने नए घर में प्रवेश किया था। 10 दिन पहले जिस घर में खुशियों की हंसी की चहचहाहट थी, आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ है और सबकी आंखों में सिर्फ आंसू ही रह गए है। कैप्टन आनंद खगड़िया के परबत्ता प्रखंड के नयागांव शिरोमणी टोला के रहने वाले थे। वह लंबे समय से जम्मू कश्मीर के बॉर्डर पर तैनात थे।

सेना की ओर से जारी किए गए बयान में बताया गया कि सोमवार को कैप्टन आनंद सीमा की गाड़ी से ड्यूटी एरिया में जा रहे थे। इसी दौरान वाहन ग्रेनाइट की चपेट में आ गया। कैप्टन आनंद समेत गाड़ी में सवार जेसीओ सहित पांच लोग इस ब्लास्ट में गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी को तत्काल हेलीकॉप्टर से उधमपुर स्थित अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान कैप्टन आनंद और जेसीओ ने दम तोड़ दिया।

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95% से पास की भी मैट्रिक परीक्षा

कैप्टन आनंद मेधावी थे, साल 2012 में भागलपुर के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल से उन्होंने अपनी मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। उन्होंने मैट्रिक परीक्षा में 95% अंक हासिल कर जिले में अपना और अपने परिवार का नाम रोशन किया था। साल 2014 में बोकारो के इंटर स्कूल से उन्होंने 86 अंक से परीक्षा पास की थी। इसके बाद उन्होंने साल 2015 में एनडीए की प्रतियोगिता परीक्षा पास कर 3 सालों की ट्रेनिंग पूरी की थी और 7 दिसंबर 2019 को उन्होंने बतौर कैप्टन पदभार संभाला था।

Martyr Captain Anand Singh

कैप्टन शहीद आनंद के परिवार में उनकी मां ममता देवी एक गृहणी है और उनके पिता बिहार पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर कार्यरत है। मौजूदा समय में वह राजगीर पुलिस परीक्षण केंद्र में तैनात है। शहीद आनंद के पिता पहले भागलपुर में ही कार्यरत थे, यही वजह थी कि उनकी शुरुआती शिक्षा भागलपुर जिले से ही हुई थी। शहीद कैप्टन आनंद की खबर से उनके गांव खगड़िया के शिरोमणि में मातम पसरा हुआ है। हर कोई अपनी नम आंखों से उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहा है।

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