कौन है इंजीनियर से मैनेजर और फिर संत बनें अमोघ दास लीला? आखिर क्यों इन्हे ISKCON मंदिर से किया गया बाहर

Who is Amogh Lila Das: इस्कॉन मंदिर के संत अमोघ लीला दास का नाम इस समय चौतरफा सुर्खियों में है। दरअसल कृष्ण चेतना के लिए इंटरनेशनल सोसायटी की ओर से इन्हें एक महीने के लिए बैन कर दिया गया है। इस्कॉन सोसाइटी के इस फैसले के साथ एक बयान भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि अमोघ लीला दास के बयान से हम काफी आहत है। उनका दिया गया बयान अनुचित है। इसे किसी भी हाल में स्वीकारा नहीं जा सकता है और इसी के चलते संत अमोघ दास लीला को इस्कॉन सोसाइटी की तरफ से एक महीने के लिए बैन किया गया है। आखिर कौन है संत अमोघ लीला दास? उन्होंने स्वामी विवेकानंद को लेकर क्या बयान दिया?

क्या है संत अमोघ लीला दास का मामला?

अमोघ दास लीला इस्कॉन मंदिर के संत है। उन्होंने हाल ही में स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर एक विवादित बयान दिया। इस दौरान उन्होंने अपने बयान में कहा कि अगर स्वामी विवेकानंद मछली खाएं, तो क्या वह एक सिद्ध पुरुष है… क्योंकि कभी कोई सिद्ध पुरुष मछली नहीं खाएगा, क्योंकि मछली को भी दर्द होता है। सिद्ध पुरुष के दिल में करुणा होती है। इतना ही नहीं अमोघ दास लीला ने आगे यह तक कह दिया कि स्वामी विवेकानंद की कुछ चीजें स्वीकार्य नहीं है। इसके साथ ही वह अपने इस विवादित बयान में स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस पर भी विवादित टिप्पणी करते नजर आए। अमोघ दास लीला के इस विवादित बयान के बाद संतों में बहस छिड़ गई और इसी का नतीजा रहा कि उन्हें इस्कॉन में एक महीने के लिए बंद कर दिया।

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कौन है अमोघ दास लीला?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमोघ दास लीला लखनऊ के एक धार्मिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अपने एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया था कि उन्होंने बेहद कम उम्र में आध्यात्मिक यात्रा शुरू कर दी थी। जब वह 12वीं क्लास में थे तब उन्होंने भगवान की तलाश में अपना घर छोड़ दिया था। यह बात साल 2000 की है। हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने आकर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।

इसके बाद साल 2004 में उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद अमेरिका के एक मल्टीनैशनल कॉरपोरेशन में काम करना शुरू किया। इसके बाद साल 2010 में कॉर्पोरेट वर्ल्ड को छोड़ने के फैसले से पहले उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर का पदभार संभाला। इसके बाद 29 साल की उम्र में वह इस्कॉन मंदिर में शामिल हो गए और कृष्ण ब्रह्मचारी बन गए। ऐसे उन्होंने इंजीनियर से मैनेजर और फिर संत अमोघ दास लीला का सफर तय किया। सोशल मीडिया पर अमोघ दास लीला के फॉलोअर्स की संख्या बहुत ज्यादा है। वह सोशल मीडिया के जरिए लोगों को अध्यात्म के बारे में विस्तार से बताते हैं।

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