बिहार के ऐसे सैकड़ों सरकारी स्‍कूल होंगे बंद, इन स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों का क्‍या होगा!

बिहार में सैकड़ों की संख्या में सरकारी स्‍कूल बंद हो सकते हैं। सरकार इसकी तैयारी में जुट गई है। वैसे सभी स्कूल जिनका खुद का भवन ना होने के कारण अन्‍य स्‍कूल के परिसर में ही उनका संचालन हो रहा है, उन स्‍कूलों की रिपोर्ट मंगाई जा चुकी है । जिन जिलों में ऐसे स्कूल है, उनमें से करीब आधे जिलों से यह रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। एक ही भवन में चल रहे एक से अधिक विद्यालयों का विलय अब मूल विद्यालय में कर दिया जाएगा। ऐसे मे जिन स्कूलों का विलय किया जाएगा, वहाँ नियुक्त शिक्षकों का क्या होगा यह एक बड़ा सवाल है। इस बारे में आपको बता दें कि इस क्रम में जहां ज्यादा शिक्षक होंगे, उन्हें जरूरत वाले विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। शिक्षा विभाग की तरफ से इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

20 जिलों से आ गई है रिपोर्ट

प्राथमिक शिक्षा निदेशक अमरेंद्र प्रसाद सिंह के द्वारा 18 जिलों से एक ही भवन में संचालित एक से अधिक स्कूलों के बारे में सूचना की मांग की गई है। इस सम्बन्ध में सोमवार को संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर सप्ताह भर में जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। 20 जिलों से इसकी रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है, जबकि अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बेगूसराय, गोपालगंज, कैमूर, कटिहार, खगड़ि‍या, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर, सारण, शिवहर, सिवान और वैशाली से रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।

आपको बता दे कि बिहार के लगभग सभी जिलों में एक ही परिसर में अधिक स्कूल चलाए जा रहे हैं। कहीं कहीं एक भवन में चार से पांच स्कूल तक सन्चालित हो रहे हैं। खासकर शहरी क्षेत्र के स्‍कूलों में ये परेशानियां काफी देखने को मिल रही है। ऐसे स्‍कूलों में अव्‍यवस्‍था और हंगामा होना रोज़ की बात हो गई है। सरकार की तरफ से ऐसे स्‍कूलों को भवन और जमीन उपलब्‍ध कराने की दिशा में काफी प्रयत्न किया गया। फिर भी मसला नहीं सुलझ पाया और यह तय किया गया कि एक भवन में चलने वाले सभी स्‍कूलों को आपस में मर्ज किए जाए। इससे प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्‍यापक के पद में निश्चित रूप से कमी आएगी।

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