Car AC को 1, 2, 3 या 4… कितने पर चलाना है सही ? इससे माइलेज पर क्या फर्क पड़ेगा; जाने

इन दिनों कार में एक से बढ़कर एक फीचर आ रहे हैं। अगर आपके पास कोई बिल्कुल न्यू अपडेटेड वर्जन कार है, तो आपने अपनी इस अपडेटेड कार ने यह जरूर नोटिस किया होगा कि उसमें मैनुअल एसी के लिए एक गोल स्विच दिया गया है, जिस पर 1,2, 3, 4 जैसे नंबर लिखे हुए हैं। ऐसे में आप इसे 1 से 4 की और घूमाते हैं, तो कार के एयर फ्लो से आने वाली हवा तेज हो जाती है और वही जब आप इसे बिल्कुल इसके ऑपोजिट यानी 4 से एक नंबर की तरफ घूमाते हैं तो वहीं एसी का एयर फ्लो कम हो जाता है। वही जीरो पर कर देने पर यह एयर फ्लो पूरी तरह से बंद हो जाता है।

ऐसे में बहुत से लोग इस बात को लेकर हमेशा कंफ्यूज रहते हैं कि एयर फ्लो कंट्रोल करने वाले गोल स्विच को आखिर कितने नंबर पर रखना होता है। 1, 2, 3, 4 इनमें से कौन से नंबर पर सेट करने पर हवा का फ्लो एकदम सेट रहता है। अगर आपको नहीं पता तो आइए हम आपको इसके बारे में डिटेल में बताते हैं।

किस नंबर पर रखना चाहिये कार का एयर फ्लो

दरअसल कार में दिया गया मैनुअल एसी का गोल स्विच जिस पर 1, 2, 3, 4 है, वह कंट्रोल एयर फ्लो का होता है। केबिन में हवा पहुंचाने के लिए ब्लोअर मोटर दी गई होती है, जिससे फैंस की हवा अंदर तक पहुंच जाती है। इसे कितनी भी स्पीड पर चलाने से कार पर इसका कोई भी असर नहीं पड़ता। ब्लोअर बहुत कम पावर पर चलता है और इसे चलाने के लिए बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। तो इस हिसाब से इसका आपके कार की स्पीड से कोई लेना-देना नहीं होता। आप इसे अपनी सहूलियत के हिसाब से सेट कर सकते हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि अगर आपकी कार में 4 लोग हैं और आपको गर्मी भी बहुत ज्यादा लग रही है, तो आप इसे 4 पर भी सेट कर सकते हैं। वहीं अगर आप कार में अकेले हैं, तो आप इसे 2 पर रख सकते हैं। यह 2 नंबर पर भी अच्छी हवा पास करता है। साथ ही यह भी जान लें कि अगर यह खराब है तो भी इसका आपकी कार की स्पीड पर कोई असर नहीं पड़ता।

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कार का एसी डालता है माइलेज पर असर

मालूम हो कि किसी भी कार की माइलेज पर सिर्फ उसके एसी ऑन होने का प्रभाव पड़ता है, क्योंकि एसी को चलाने के लिए इंजन का इस्तेमाल किया जाता है। एसी का कंप्रेशर बेल्ट के जरिए इंजन से जुड़ा होता है और जब भी इंजन चलता है, तब एसी का कंप्रेशर भी चल जाता है। ऐसे में एसी कंप्रेशर के चलने से इंजन पर दोगुना दबाव बढ़ता है और इससे फ्यूल भी ज्यादा खर्च होता है। वहीं अगर एसी सबसे निचले टेंपरेचर पर हो तो कंप्रेशर पर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और फ्यूल भी ज्यादा खर्च होता है। ऐसे में अगर आप एसी का टेंपरेचर बढ़ा देते हैं, तो कंप्रेशर पर दबाव कम हो जाता है और इसी के साथ इंजन पर भी दबाव कम हो जाता है और फ्यूल का खर्च कम हो जाता है।

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