पुश्तैनी जमीन के बंटवारे से पहले तीन 8 कागजों की पड़ेगी जरूरत, सरकार ने जारी किया गाइडलाइन

Bihar News: अक्सर अपने अपने गांव में सुना होगा की जमीन और जाल बहुत ही उलझन भरे होते हैं. पुश्तैनी जमीन के बंटवारे में शुरू से ही उलझनो का सामना करना पड़ता है जिसके वजह से राज्य सरकार कई तरह के नियम बना रही है. भूमि विवाद को सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने कई तरह की प्रक्रिया शुरू कर दिया है.अब जमीन बटवारा के लिए आपको आठ तरह के दस्तावेजों की जरूरत होगी.

बिहार के बेगूसराय जिले के अंचल अधिकारी नंदन कुमार से मिली जानकारी के अनुसार आपसी बंटवारा के बारे में जानकारी दिया गया ताकि जमीन विवाद से निपटारा हो सके.

सप्ताह में तीन दिन होंगे भूमि सुधार से जुड़े कार्य(Bihar News)

बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जमीन संबंधी विवादों को कम करने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहा है. अब अगर कोई बिहार में संपत्ति का बंटवारा करना चाहता है तो उसे आठ तरह के कागजातों की जरूरत पड़ेगी. बेगूसराय के अंचल अधिकारी नंदन कुमार ने जानकारी दिया कि हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में राज्य सरकार के द्वारा नई गाइडलाइन जारी की गई है.

बिहार में मंगलवार बुधवार और गुरुवार को विशेष रूप से सुधार से जुड़ा कार्य किया जाएगा. लोगों को जमीन खरीदने बेचने रजिस्ट्री में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए अब भूमि सुधार से जुड़ा कार्य सप्ताह में 3 दिन किया जाएगा. आपके पास जो भी कागजात नहीं होंगे उसे आप कार्यालय में बनवा सकते हैं.

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बंटवारे के लिए इन कागजात की पड़ेगी जरूरत

लगान रसीद की छायाप्रति

जिस जमीन का मौजा होता है उसे मौजा का राजस्व कर्मी जारी करता है. इसके लिए आपको निश्चित मालगुजारी सरकारी खजाना में जमा करना होता है.

भूमि से संबंधित दस्तावेज

जिस जमीन का बंटवारा होना है उस जमीन से संबंधित खरीदारी के कागजात को केवाला कहा जाता है. इसे रजिस्ट्री कार्यालय के द्वारा जारी किया जाता है. जमीन खरीदारी के बाद उसे राजस्व विभाग में दर्ज करना होता है जहां से खरीदार को एक वैध कागजात जारी कर दिया जाता है और इसे खतियान कहते हैं.

वंशावली(Bihar News)

जिस भी व्यक्ति के नाम से जमीन होता है उसके पुत्र पुत्री, पुत्रों के पुत्रों पुत्री आदि एक कागजात पर सिलसिलावर तरीके से लिखना वंशावली कहा जाता है.

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जमाबंदी रैयत का मृत्यु प्रमाण पत्र

राजस्व विभाग के द्वारा जारी सभी जमीन के वैध पत्र धारक को रैयत कहा जाता है. अगर उसकी मौत हो गई है तो आपको मृत्यु प्रमाण पत्र देना होगा.

₹100 के स्टांप पर बटवारा का शेड्यूल

स्टांप पेपर रजिस्ट्री कार्यालय के वेंडर से आपको मिल सकता है जो की ₹100 लिखा हुआ एक सादा कागज के जैसा होता है और इसी पर जमीन का बंटवारा किया जाता है.

आधार कार्ड

सभी हिस्सेदारों की सहमति

एसडीएम कार्यालय से जारी शपथ पत्र

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