बिहार (Bihar) के भागलपुर (Bhagalpur) की सड़कों की तस्वीर जल्द ही बदलने वाली है। दरअसल जिले के खरीक प्रखंड में एनएच 31 से सिंह कुंड जाने वाली 7.120 किलोमीटर लंबी इस ग्रामीण सड़क के निर्माण को सरकार (Bhagalpur Road Project By Government) की ओर से मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही सड़क निर्माण की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू हो जाएगी। बता दे 2.81 करोड रुपए की लागत से बनने वाली इस सड़क के निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य 31 दिसंबर 2023 तय किया गया है।
भागलपुल में बिछेगा सड़कों का जाल
जानकारी के मुताबिक ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल नवगछिया ठेका एजेंसी के माध्यम से ग्रामीण सड़क का निर्माण कार्य कराया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है मालूम हो कि यह टेंडर 23 सितंबर को खुलेगा और इसी दौरान एजेंसी का चयन किया जाएगा, जो इसके निर्माण से लेकर रखरखाव तक का पूरा कार्यभार संभाल लेगी।
इस्माइलपुर प्रखंड के सिंहकुंड टोला से इदमादपुर तक तकरीबन 3 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी। इसके लिए 31 मार्च की डेडलाइन तय की गई है। सड़क निर्माण पर 1.47 करोड रुपए का खर्च अनुमानित आंका गया है। ठेकेदार के चयन की प्रक्रिया का काम पूरा होने के बाद इससे आगे बढ़ाया जाएगा।
इसके साथ ही भागलपुर के खरीक प्रखंड के लोकमानपुर पंचायत को विजय घाट पुल से जोड़ने का काम भी तेजी से चल रहा है। बता दें गुरुवार को पुल निर्माण निगम कार्यालय में हुई विशेष समूह की बैठक में पहुंच पथ और आरसीसी पुल निर्माण के लिए सामाजिक प्रभाव आकलन की अंतिम रिपोर्ट पर मुहर लगा दी गई है। विशेष समूह ने सर्वसम्मति से इस महत्वपूर्ण परियोजना को संपन्न कराने की अनुशंसा भी की है।
विसर्जन के लिए बनेंगे विशेष तालाब
इसके अलावा भागलपुर शहर में दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा, काली पूजा, गणेश चतुर्थी पूजा और विश्वकर्मा पूजा में प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए स्थाई तालाबों का निर्माण किया जाएगा। दरअसल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत विसर्जन घाट के लिए एक स्थाई तालाब का निर्माण होगा, जहां इन मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा। स्मार्ट सिटी के द्वारा इस काम के लिए एजेंसियों के साथ एग्रीमेंट किया जा चुका है। जल्द ही जमीनी स्तर पर भी काम शुरू हो जाएगा।
बता दें इस तालाब के निर्माण की लागत लगभग 1.80 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। यह तालाब लंबा-चौड़ा एवं गहरा होगा, ताकि मूर्तियों का विसर्जन सही ढंग से किया जा सकें। साथ ही तालाब के आसपास इसके चाक-चौबंद की व्यवस्था भी की जाएगी।
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