लोजपा के बाद अब काँग्रेस मे भी टूट की आयी खबर, राहुल गांधी ने विधायकों को बुलाया दिल्ली

बिहार के सियासत मे इन दिनों उथल पुथल की स्थिति बनी हुई है। लोजपा मे हुई दरार के बाद अब बिहार कांग्रेस मे टूट होने की राजनीतिक कयासबाजी लगाईं जा रही। 7 जुलाई को देश की राजधानी दिल्ली मे कांग्रेस की बड़ी बैठक बुलाई गई है। कहा जा रहा कि इसके लिए बिहार के विधायक, सांसदों, राज्य सभा सदस्यों समेत 36 नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। इसी के साथ बिहार कांग्रेस मे टूट की अटकले लगाईं जा रही। हालांकि पार्टी की तरफ से इस तरह कि राजनीतिक हवा को रोकने के लिए कहा गया है कि यह महज एक मुलाक़ात है, कई दिनों से कांग्रेस सदस्य अपने नेता से नहीं मिले हैं, इसलिए यह बैठक बुलाई गई है।

राहुल गांधी बिहार के आला नेताओं के साथ ही सभी विधायकों और विधान पार्षदों से मिलेंगे। कहा जा रहा कि बिहार कांग्रेस मे असंतोष को समझने और समय रहते उसे दूर कराने की यह एक कोशिश है, क्योकि अन्दरखाने से यह खबर् है कि कांग्रेस के कई विधायक जदयू नेता के संपर्क मे हैं। इस बात को बल मिलने का सबसे बड़ा कारण यह है कि कांग्रेस को छोड़कर जदयू मे आए पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी से कई कांग्रेसी नेता संपर्क बनाए हुए हैं।

लोजपा मे हुई फूट के इस चर्चा ने जोर पकड़ किया है कि नीतीश कुमार अपने लिए सेफ गेम प्लान कर रहे क्योकि जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी की अस्थिर राजनीति मे उन्हें कतई भरोसा नहीं रह गया है। लोजपा मे टूट के बाद यह कयासबाजी और भी तेज हो गई है, इन्तजार बस उस संख्या बल का है( 19 में 13 टूट जाएं तो दलबदल कानून लागू नहीं होंगें) कि दलबदल क़ानून में ना आ पाए। इसी के साथ बिहार कांग्रेस मे अभी से संभावित टूट को देखा जा रहा।

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मिडिया से हुए बातचीत मे कहा बैठक का एजेंडा अभी तय नहीं

बिहार कांग्रेस के साथ हुई इस बैठक मे राहुल गांधी के साथ प्रदेश प्रभारी भक्त चरण मौजूद रहेंगे। राहुल गांधी बिहार के नेताओं से एक एक कर मिलेंगे फिर सामूहिक मुलाकात करेंगे। इधर बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और पार्टी के एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा मे दिल्ली रवाना होने से ठीक पहले मिडिया से हुए बातचीत मे कहा कि विधायकों के टूट की बात सही नहीं है, यह जदयू के द्वारा फैलाई हुई अफवाह है। बैठक के बारे मे उन्होंने कहा कि आज औपचारिक रूप से बुलाई गई है, अभी कोई एजेंडा नहीं हुआ है। अब ऐसे मे सवाल यह उठ रहे है कि जब एजेन्डा भी तय नहीं हुआ है तो फिर इतने नेताओं का जमावड़ा क्यों।

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ये लोग बैठक मे होंगे शामिल

राहुल गांधी बिहार कांग्रेस के 19 विधायक, चार विधान परिषद सदस्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष, पूर्व विधायक दल के नेता, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार, बिहार के एआइसीसी के प्रभारी भक्त चरण दास से मिलेंगे। गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा का कार्यकाल पूरा हो रहा है, ऐसे मे नई अध्यक्ष के लिए दावेदारी अभी से शुरू हो गई है। प्रदेश के प्रभारी श्री दास भी राज्य के सभी नेताओं से मिलकर बात कर चुके है और हाई कमान को रिपोर्ट भी सौनो दी है। वहीं भक्त चरण दास ने किसी दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष का कमान देने की वकालत की है।

इधर एक अलग तबका सवर्ण को अध्यक्ष बनाने की वकालत कर रहा है। प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर और प्रदेश स्तर पर पार्टी का नेतृत्व सम्भालने के लिए कई नाम चर्चा मे है, लेकिन सवाल यह है कि क्या सब एकमत हो पाएंगे और हाई कमान उनके असंतोष को दूर कर पाएंगे।

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