लीज और रेंट के बीच क्या अंतर होता है, किस नियम के तहत घर लेना होता है फायदेमंद? यहां समझे

Difference Between Lease and Rent:लीज और रेंट यह दोनों प्रॉपर्टी से जुड़े ऐसे शब्द है, जिनके बारे में आपने जरूर सुना होगा। साथ ही यह भी जानते होंगे कि यह दोनों एक तरीके के किराए के प्रकार है, लेकिन क्या आप उनके बीच के अंतर को समझते हैं? क्या आपको पता है कि आपके लिए ज्यादा फायदेमंद कौन सा होता है? दरअसल अगर आप लंबे समय के लिए किसी घर को रेंट पर लेना चाहते हैं, तो उसे रेंट एग्रीमेंट के तहत लें या लीज एग्रीमेंट के तहत… यह समझना बेहद जरूरी है। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि लीज और रेंट के बीच क्या अंतर होता है?

क्या होता है लीज और रेंट के बीच अंतर (Difference Between Lease and Rent)?

लीज और रेंट के बीच सबसे पहला फर्क यह होता है, कि लीज उन प्रॉपर्टी को किया जाता है, जिसका जरूरत लंबे समय तक होती है। रेंटल प्रॉपर्टीज लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए भी हो सकती है और नहीं भी, इसलिए रेंट एग्रीमेंट काफी कम समय का होता है। बता दे एक रेंट एग्रीमेंट को 11 महीने बाद दोबारा रिन्यू कराने की जरूरत होती है, जबकि लीज एक बार में ही कई सालों तक के लिए तैयार किया जा सकता है।

बता दे की लीज एक बार में अधिकतम 99 साल के लिये लिया जा सकता है। इसके बाद इसे फिर 99 साल के बाद आगे बढ़ाया जाता है। लीज को पट्टा भी कहा जाता है। लीज पर दी गई प्रॉपर्टी का रख रखाव लीज लेने वाला ही करता है। हालांकि कई बार लीज की शर्तों पर भी यह सब कुछ निर्भर करता है कि प्रॉपर्टी का रखरखाव कौन करेगा। वही रेंटल प्रॉपर्टी का रखरखाव मकान मालिक के हाथों में होता है, वह खुद इसका मेंटेनेंस संभालता है।

लीज और रेंट के बीच सबसे बड़ा अंतर(Difference Between Lease and Rent) यह होता है कि एक बार लीज के पेपर बन जाने के बाद उसके समाप्त होने तक उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। हालांकि अगर लीज रजिस्टर नहीं है, तो वह 12 महीने के अंदर ही अमान्य मानी जाती है। वहीं दूसरी ओर अगर रेंटल प्रॉपर्टी की बात करें तो इसका मालिक मकान मालिक ही रहता है। रेंटल एग्रीमेंट को मकान मालिक कभी भी संशोधित कर सकता है। यानी उसमें बदलाव करने का हक पूरे तरीके से मलिक को होता है।

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वहीं अगर पंजीकरण न भी कराया जाए, तब भी रेंटल एग्रीमेंट कानूनी रूप से वैध माना जाता है। लीज के अंत में पट्टेदार यानी जिसने लीज पर संपत्ति को लिया है, वह उस प्रॉपर्टी को खरीदने का ऑफर ले या दे सकता है। इसके तहत वह उस घर के बाकी भुगतान को भर के प्रॉपर्टी को खरीद सकता है। हालांकि रेंटल प्रॉपर्टी में ऐसा कुछ नहीं होता और ना ही ऐसा कोई ऑफर दिया जाता है।

लीज और रेंट में बेस्ट ऑप्शन कौन सा है?

बता दे अगर आपको कोई रिहाईशी घर या अपार्टमेंट लेना है और उसका हर महीने किराया चुकाना चाहते हैं, तो आपके लिए रेंट एग्रीमेंट कराना बेहतरीन ऑप्शन है। इसमें आपको मेंटेनेंस वगैराह की परेशानी नहीं झेलने पड़ती है। वहीं अगर आप कमर्शियल प्रॉपर्टी लेने के बारे में या फिर लंबे समय तक उस घर में रहने के बारे में सोच रहे हैं तो लीज पर लेना बेस्ट ऑप्शन होता है। ऐसे में आप बार-बार कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू कराने के झंझट से बच जाते हैं। इसके साथ ही बता दे कि लीज पर एक बार में ही बड़ी रकम देकर प्रॉपर्टी को लंबे समय के लिए अपना बनाया जा सकता है। हालांकि लीज खत्म होने के बाद उसे पर फिर से मलिकाना हक उसके मालिक का ही रहता है।

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