एक ही परिवार के 4 भाई-बहन बनें IAS-IPS, कामयाबी की कहानी जान कहेगें- कौन-सा चक्की का आटा खाते हैं !

IAS-IPS Success Story: यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिनी जाती है। ऐसे में इस परीक्षा को पास करना बिल्कुल भी आसान नहीं होता है। यूपीएससी पास कर आईएएस-आईपीएस बनने का सपना कड़े परिश्रम और दिन-रात की मेहनत के बाद ही पूरा होता है। ऐसे में आइये हम आपको एक ही परिवार के 4 ऐसे भाई बहनों की कहानी बताते हैं, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर आईएएस-आईपीएस का औहदा हासिल किया है। इस परिवार को गांव वाले ‘अफसर परिवार’ के नाम से बुलाते हैं।

एक ही परिवार के चार भाई बहन हैं अफसर (IAS-IPS Success Story)

यूपी के लालगंज में बसे एक परिवार को गांव वाले अफसर परिवार के नाम से जानते हैं, क्योंकि इस घर के एक ही परिवार के चार भाई-बहन अफसर हैं। माता-पिता के साथ-साथ पूरे खानदान के लिए यह बात किसी गर्व से कम नहीं है। चार भाई-बहनों में क्षमा और माधवी दोनों अपनी पहली यूपीएससी सीएसई परीक्षा में असफल हो गई थी। इस बात को लेकर दोनों बहने बड़ी दुखी थी, वही जब भाइयों ने अपनी बहनों को उदास देखा, तो उनकी मदद करने का फैसला किया।

IAS-IPS Success Story

बहनों को तैयारी कराते-कराते बन गए आईपीएस अधिकारी

इसके बाद रक्षाबंधन के मौके पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने खुद यूपीएससी के लिए तैयारी करने और परीक्षा देने का फैसला किया और साथ ही उन्होंने अपनी बहनों का भी मार्गदर्शन किया। क्षमा और माधवी के भाई योगेश ने 2013 में अपनी नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी पर फोकस करना शुरू किया। एक ही साल में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और आईपीएस अधिकारी बन गए।

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इसके बाद उन्होंने एग्जाम और नोट्स की अपनी समझ से अपनी दोनों बहनों और छोटे भाई को भी इसकी कोचिंग दी। उनकी मेहनत रंग लाई और 2015 में उनकी बहन माधवी ने परीक्षा पास कर ली और आईएएस अधिकारी बन गई। इसके बाद अगले साल ही बहन क्षमा और छोटे भाई लोकेश ने भी परीक्षा पास कर ली और आईपीएस और आईएएस अधिकारी बन गए।

माता-पिता ने हमेशा दिया साथ

चारों भाई बहनों ने अपनी सफलता के इस मुकाम तक पहुंचने में अपने माता-पिता का अहम योगदान बताया। उन्होंने कहा कि हम मध्यम वर्गीय परिवार से थे। हमारे माता-पिता हमेशा से चाहते थे कि हम परीक्षा दें, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने सपनों को बच्चों पर नहीं थोपा। चारों भाई बहनों ने 12वीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल से की है।

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बड़े भाई योगेश की यूपीएससी में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह नोएडा में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते थे, लेकिन जब उनकी बहन सिविल सेवा की परीक्षा पास नहीं कर पाई, तो वह परेशान हो गई। इसके बाद उन्होंने बहनों को तैयारी करने और खुद भी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के बारे में सोचा। इसके लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और न सिर्फ खुद कामयाबी का मुकाम छुआ, बल्कि अपने भाई बहनों को भी उस मुकाम तक पहुंचाया।

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