बिहार में लगाए जाएंगे आम, केला, टमाटर, शहद और मक्‍के की प्रोसेसिंग यूनिट, किसानो को होगा फायदा

बिहार के भागलपुर में जर्दालु आम से संबंधित प्रसंस्करण उद्योग लगाया जाएगा। अन्य फलों से संबंधित उद्योग भी किसान यहाँ लगा सकते हैं। भागलपुर के 21 किसानों ने फलों से संबंधित उद्योग लगाने के आनलाइन आवेदन किया है। बता दें कि उद्योग स्थापित करनेवाले किसानों के समूह को पर्याप्त अनुदान दिया जाएगा। एकल किसान को 35 फीसद तक अनुदान मिलेगा। किसान जेम, जेली, अचार, ड्रिंक से संबंधित उद्योग लगा सकते हैं। जिले को 61 प्रसंस्करण उद्योग लगाने का लक्ष्य दिया गया है। 54 सामान्य लोग, छह एससी व एक एसटी को उद्योग लगाने के लिए सरकार की तरफ से अनुदान प्रदान किया जाएगा।

एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत किसानो द्वारा जर्दालु आम से संबंधित प्रसंस्करण उद्योग लगाया जा सकता है। जर्दालु आम के अलावा टमाटर, पपीता, केला, लीची आदि से संबंधित प्रसंस्करण उद्योग भी स्थापित किए जा सकते हैं लेकिन अनुदान का लाभ लेने के लिए जर्दालु आम से संबंधित प्रसंस्करण उद्योग लगाना आवश्यक होगा। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत किसानों को अनुदान प्रदान किया जाएगा। किसानों को इसके लिए पहले डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना होगा। इसके बाद ही वे बैंक से लोन ले सकेंगे।

क्या कहते हैं मैंगो मैन अशोक कुमार

किसान आम के पल्प से पेय ड्रिंक भी बना सकते हैं। जैम, जेली, आचार, शर्बत आदि भी बनाई जा सकती हैं। आम का पल्प तैयार कर इसे संबंधित कंपनी को उपलब्ध कराया जा सकता है। इस तरह का उद्योग खुद भी लगाए जाने के फायदे हैं। मैंगो मैन अशोक कुमार चौधरी बताते हैं कि भगलपुर में पांच फीसद ही जर्दालु आम की खेती होती है, जबकि 90 फीसद क्षेत्र में मालदह आम का कब्जा है। शेष पांच फीसद क्षेत्र में अन्य आम उपजाए जाते हैं।

मैंगो मैन व अजगैवी नाथ आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष अशोक चौधरी कहते हैं कि भागलपुर में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने को लेकर सरकारी स्तर से प्रयास किया जा रहा है। सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों से उद्योग की संभावना के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। आरम्भ में छोटे उद्योग ही स्थापित किए जाएंगे। इसके बाद बड़े उद्योग स्थापित किए जाने पर विचार किया जाएगा। सरकार इसके लिए चार से पांच सौ करोड़ रुपये लगाने के लिए रजामंदी दे चुकी है। जर्दालु आम से संबंधित उद्योग लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

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