बिहार में नजदीक आ गई पंचायत चुनाव, जानिए मुखिया से लेकर जिला परिषद तक का मासिक भत्ता

बिहार में पंचायत चुनाव की घड़ी नजदीक आते देख अब हर पंचायत में चुनाव लड़ने की मारामारी है। समाज सेवा के साथ निर्माण योजनाओं में कमीशन और सरकारी भत्ते का भी खूब आकर्षण है। सबसे बड़ी बात यह है कि अगर पद पर रहते हुए दुर्घटना या किसी कारणवश निधन हो जाती है तो उसके लिए 5,00,000 अनुग्रह अनुदान का प्रावधान किया गया है। इसमें प्राकृतिक, आपदा, हिंसात्मक घटना, अपराधिक आदि भी शामिल है। आपको बता दें कि सरकार पंचायत समिति, प्रमुख, उपप्रमुख, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया, उप मुखिया, सरपंच, उपसरपंच, वार्ड सदस्य, जिला परिषद उपाध्यक्ष, सदस्य, पंच को मासिक भत्ता देती है।

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किस प्रतिनिधि को कितना मिलता है मासिक भत्ता

  • न्यायमित्र : 7 हजार रुपये
  • ग्राम पंचायत सचिव : 6 हजार रुपये
  • मुखिया: 2500 रुपये
  • उप मुखिया: 1200 रुपये
  • सरपंच : 2500 रुपये
  • उप सरपंच : 1200 रुपये
  • जिला परिषद सदस्य : 2500 रुपये
  • पंचायत समिति सदस्य : एक हजार रुपये
  • वार्ड सदस्य : 500 रुपये
  • पंच : 500 रुपये
  • पंचायत समिति प्रमुख : 10 हजार रुपये
  • पंचायत समिति उप-प्रमुख : पांच हजार रुपये
  • जिला परिषद अध्यक्ष : 12 हजार रुपये
  • जिला परिषद उपाध्यक्ष : 10 हजार रुपये
  • महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण

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आपको बता दें कि ग्राम सभा, ग्राम कचहरी इसके अलावा वार्ड सभा के सभी स्तरों में अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान है। इसके अलावा सरकार ने महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण दे रखा है।

बगैर शौचालय नहीं लड़ सकते पंचायत चुनाव

चुनाव लड़ने के लिए आपके घर में कम से कम 1 शौचालय का उपलब्ध होना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर आपके घर में एक शौचालय नहीं है तो आप चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते।

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इंटरनेट मीडिया पर वार-पलटवार

केंद्र की राजनीति के साथ-साथ अब गांव पंचायत की राजनीति में भी सोशल मीडिया का चलन बढ़ चुका है। भाभी उम्मीदवार अपने पक्ष में माहौल बनाने में ताकत झोंक रखा है। इंटरनेट पर पर प्रचार-प्रसार के साथ शादी की वर्षगांठ, जन्मदिन और तरह-तरह के आयोजन के जरिए वोटरों को लुभाने की कोशिश जारी है।

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