गाय-भैस चराये, बीएसएफ में भी रहे… फिर सानिया मिर्जा की वजह से रातो-रात भोजपुरी सुपरस्टार बन गए खेसारी लाल यादव  

khesari lal yadav life story in hindi: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में खेसारी लाल यादव का नाम ट्रेंडिंग स्टार के तौर पर लिया जाता है। जब भी उनकी कोई फिल्म या गाना रिलीज होता है, तो वह रिलीज के साथ भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के पर्दे पर धमाल मचा देता है। हाल फिलहाल सोशल मीडिया से लेकर यूट्यूब तक खेसारी लाल यादव के सावन स्पेशल गाने वायरल हो रहे हैं। इस लिस्ट में हाल ही में उनका नया गाना ‘भांग के स्वाद’ रिलीज हुआ, जिसे लोगों से भरमार प्यार मिल रहा है। रिलीज के कुछ घंटों बाद से ही यह गाना टॉप ट्रेंड का हिस्सा बन गया है।

ऐसे में क्या आप जानते हैं कि खेसारी लाल यादव का वह पहला गाना कौन सा था? जिसने उन्हें सिर्फ भोजपुरी जगत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई थी। ऐसे में आइए हम आपको खेसारी लाल यादव के कैरियर की वह कहानी सुनाते हैं जहां उन्होंने गांव में गाय-भैंस चराने से लेकर दिल्ली में लिट्टी चोखा बेचने और बीएसएफ में शामिल होने के बाद भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का रुख किया था।

बेहद मुश्किल भरा रहा खेसारी लाल यादव सफर khesari lal yadav life story in hindi)

खेसारी लाल यादव बिहार के सारण जिले के रहने वाले हैं। खेसारी का परिवार बेहद गरीब था। यह बात बेहद कम लोग जानते हैं कि खेसारी का असली नाम शत्रुघ्न कुमार यादव है। वही जब उन्होंने स्टेज पर गाने का सफर शुरू किया तो इस दौरान उन्हें ‘खेसारी’ नाम मिला। उनके पिता छोटे-मोटे काम कर परिवार का गुजर-बसर किया करते थे। खेसारी जब बड़े हुए तो उन्होंने बड़ी मुश्किलों से अपने परिवार को दिल्ली जाने के लिए मनाया। इसके बाद उनके पिताजी ने उन्हें ₹12000 दिए जिससे उन्होंने अपना पहला कैसेट रिलीज किया। हालांकि उनका यह कैसेट बुरी तरह पिट गया। लोगों को इस कैसेट इसके बाद उन्होंने के गाने पसंद नहीं आए।

इसके बाद उन्होंने काम की कई जगह तलाश की। काम नहीं मिला तो पिता के साथ ही दिल्ली में लिट्टी-चोखा बेचने लगे. इस दौरान बीच-बीच में वह कई बार कंपनियों में भी काम करने लगते थे।

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एक गाने ने दिलाई पापुलैरिटी

खेसारी लाल यादव ने पिता के साथ लिट्टी चोखा बेचने के साथ-साथ कई कंपनियों में भी काम किया। इतना ही नहीं वह 6 महीने तक बीएसएफ में भी रहें, लेकिन वहां उनका मन नहीं लगा तो वह घर लौट आए। इसके बाद एक बार फिर उन्होंने अपने पिता से 15,000 रुपए लिए और दोबारा से अपना कैसेट रिलीज किया। इस बार उन्होंने अपना गाना ‘माल मेला में भेटाई’ रिलीज किया था।

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खेसारी के इस गाने ने भोजपुरी जवार के लोगों के बीच काफी लोकप्रियता बटोरी थी। हालांकि असल मायने में उन्हें ‘सानिया मिर्जा कट नथुनिया जान मारेला’ से वैश्विक स्तर पर प्रसिद्धि मिली थी। इस गाने के बाद खेसारी लाल यादव ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज आलम यह है कि, वह भोजपुरी जगत के टॉप एक्टर माने जाते हैं।

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