राम मंदिर की हो रही प्राण प्रतिष्ठा, पर अयोध्या में बनने वाले मस्जिद का क्या हुआ? जानिए

Ayodhya Masjid: अयोध्या मामले की काफी लंबी सुनवाई चली और फिर 5 साल यानी की 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया. बाबरी मस्जिद की विवादित जमीन एक ट्रस्ट को सौंप जाए और इस जगह पर राम मंदिर बनाया जाए. साथ ही आदेश दिया गया कि उत्तर प्रदेश सेंट्रल सुन्नी वफ्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन आवंटित की जाए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या से 25 किलोमीटर दूर धनीपुर गांव में मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन आवंटित कर दिया. हालांकि अभी आवंटित जमीन खाली पड़ी है वहां बच्चे क्रिकेट खेलते हैं. गांव में एक मस्जिद और एक मदरसा पहले से ही है.

यूपी सरकार के द्वारा दी गई जमीन (Ayodhya Masjid) पर इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन का एक बोर्ड लगाया गया है. बफ बोर्ड ने मस्जिद बनाने के लिए जो ट्रस्ट बनाया था उसका नाम इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन है. एक तरफ जहां राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र फाउंडेशन राम मंदिर का निर्माण का काम लगभग पूरा कर चुकी है वहीं धनीपुर गांव में मस्जिद का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है. कुछ समय पहले आवत जमीन से सटी ईदगाह की मरम्मत का काम किया गया था.

मस्जिद बनवाना बफ बोर्ड की है जिम्मेदारी(Ayodhya Masjid)

बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में पक्ष कर रहे इकबाल अंसारी मस्जिद काम अब तक शुरू नहीं होने को लेकर काफी नाराज है. उनका कहना है की मस्जिद के लिए वफ़्फ़ बोर्ड को जमीन मिल चुकी है उन्हें अब काम शुरू कर देना चाहिए था लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है. मस्जिद का पूरा काम करवाना बफ बोर्ड की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा की मस्जिद बनाने में मुसलमान के दिलचस्प ही नजर नहीं आती है. देश के मुसलमान बफ बोर्ड से अब तक मस्जिद का काम शुरू नहीं होने को लेकर कोई सवाल ही नहीं करते हैं.

क्या धार्मिक आधार पर आ रही है दिक्कत

ऑल इंडिया मिली काउंसिल के सदस्य खलीक अहमद खान ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा की शुरुआत से पूरे मामले पर वह नजर रखे हैं. रिपोर्ट के अनुसार वह कहते हैं की सरिया कानून और बफ बोर्ड के नियमों के अनुसार मस्जिद को ना तो उसकी जगह से हटाया जा सकता है और ना ही दूसरी जगह कोई इमारत या नहीं मस्जिद बनाई जा सकती है. कोर्ट ने फैसले में कहा कि मुसलमान को किसी दूसरी जगह जमीन दी जाए यह इस्लाम के दो नियमों के खिलाफ था. यह आप और कुरान पर आधारित सरिया के नियम का उल्लंघन है. वफ़्फ़ के नियम के अनुसार मस्जिद या कब्रिस्तान जैसी वफ़्फ़ की संपत्तियों को बेचना या गिरवी रखना गलत है फिर भी वह कहते हैं कि नहीं मस्जिद का निर्माण के खिलाफ नहीं है.

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पैसों की कमी बनी निर्माण में अड़चन

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अहतर हुसैन मस्जिद निर्माण शुरू नहीं होने का कारण पैसों की कमी बताते हैं. वह कहते हैं की उम्मीद से कम पैसा जमा हुआ है इसलिए काम शुरू होने में देरी हो रही है. उनके अनुसार ट्रस्ट की योजना के अनुसार आवंटित जमीन पर प्रस्तावित मस्जिद के साथ एक अस्पताल एक कम्यूनिटी कैंटीन और 1857 की आजादी की पहली लड़ाई से जुड़ा एक म्यूजियम बनाया जाएगा. मस्जिद निर्माण के लिए गठित समिति ने पुराने डिजाइन को बदलने का फैसला किया है. वह इकबाल अंसारी के इस बात से इस्तेफाक नहीं रखते हैं कि मुस्लिम मस्जिद नहीं बनना चाहते.

मस्जिद में रखेंगे दुनिया की सबसे बड़ी कुरान रंग होगा भगवा

हाजी अराफात के अनुसार अयोध्या की मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह मस्जिद में 21 फीट ऊंची और 26 फीट चौड़ी कुरान होगी. यह दुनिया की सबसे बड़ी कुरान होगी जिसका रंग भगवा होगा. वही मस्जिद में लगने वाली पहली ईद पर मस्जिद के नाम के साथ ही कुरान की आयतें लिखी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस मस्जिद में पहले नमाज़ मक्का के इमाम या इमाम ए हरम अब्दुल रहमान अल सुडैस अदा करेंगे.

5 मीनार बनेगी मस्जिद 9000 लोग अदा कर पाएंगे नमाज

अयोध्या मस्जिद मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह डेवलपमेंट कमेटी के अध्यक्ष हाजी अरफात शेख ने कहा की मस्जिद मैं 5000 महिलाएं और 4000 पुरुष एक साथ नमाज अदा कर पाएंगे. इस मस्जिद में 5 मीनार है इस्लाम के पांच स्तंभ नमाज रोजा जकात तोहिद और हज को दर्शाएगी. उनका कहना है कि अयोध्या का मस्जिद ताजमहल से ज्यादा खूबसूरत होगा और शाम होने पर नमाज के साथ ही फाउंडेशन चलाए जाएंगे. जिसके वजह से इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाएगा. अयोध्या की मस्जिद की खूबसूरती देखने देश दुनिया के लोग आएंगे.

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दवा दुआ और शिक्षा का केंद्र बनेगी अयोध्या की मस्जिद: Ayodhya Masjid

उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल बफ बोर्ड ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का गठन किया है. ट्रस्ट के सचिव अख्तर हुसैन ने कहा कि मस्जिद को मिली इमारत में 500 बेड वाला एक कैंसर अस्पताल और कम्युनिटी किचन बनेगा. शुरुआती चरण में यहां 1000 लोग रोजाना भोजन करेंगे बाद में क्षमता बढ़ाकर 2000 कर दिया जाएगा. यहां पर जरूरतमंदों को मुफ्त में भोजन मिलेगा.

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