बिहार में बनेगें सौ से अधिक बाईपास, देखें किस-किस जिले का नाम है इसमे शामिल

बिहार में पथ निर्माण विभाग द्वारा नए वित्तीय वर्ष में बिहार में परिवहन को आसान बनाने के लिए 4410.00 करोड़ रुपए व्यय किए जाने की घोषणा की गई है। विभाग द्वारा के बजट में बाईपास निर्माण के प्रस्ताव को शामिल किया गया है, जिसे बेहद अहम् माना जा रहा है। आपको बता दें कि आगामी 2 वर्षों में राज्य में 100 से अधिक स्थानों पर बाईपास बनाए जाएंगे। सुलभ संपर्क योजना के अंतर्गत यह निर्माण कार्य किया जाएगा। शहरी क्षेत्र में बाईपास कम से कम 7 मीटर चौड़े बनाए जाएंगे, जिससे आवागमन में काफी सहूलियत होगी। पथ निर्माण विभाग ने यह भी बताया कि बाईपास के जगह ना मिलने की स्थिति में एलिवेटेड सड़क बनवाया जाएगा।

बेगूसराय में सबसे अधिक बाईपास निर्माण

प्रस्ताव के मुताबिक राज्य भर में 120 नए बाईपास का निर्माण किया जाएगा। बेगूसराय में सबसे अधिक बाईपास निर्माण का प्रस्ताव है, यहाँ 11 बाईपास निर्माण की योजना है इसकी कुल लंबाई 20.10 किलोमीटर होगी। कैमूर से सर्वधिक लंबे बाईपास के निर्माण का प्रस्ताव है। कैमूर छह बाईपास का निर्माण किया जाएगा, जिसकी कुल लंबाई 52 किलोमीटर होगी। कटिहार में 33 किलोमीटर लंबे चार बाईपास के निर्माण का प्रस्ताव है, जिस पर 419 करोड़ रूपए खर्च होने का अनुमान है। गौरतलब है कि बिहार का इकलौता जिला लखीसराय है, जहां एक भी बाईपास निर्माण का प्रस्ताव नहीं है। उल्लेखनीय है कि लखीसराय में नए बाईपास का उद्घाटन किया जा चुका है।

जाम की समस्या से मिलेगी मुक्ति

सीएम नीतीश कुमार द्वारा अधिकारियोंं को सभी जिले में पथवार अध्ययन का निर्देश दिया गया था। अध्ययन में उन इलाकों पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया जहां जाम की समस्या अधिक देखने को मिलती है। इसके लिए ग्रामीण कार्य विभाग या नगर निकायों की उन सड़कों को चिह्नित किया गया है, जिसे चौड़ा कर बाइपास का रूप दिया जा सकता है। यह भी कहा गया है कि सिंचाई विभाग के अधीन आनेवाले तटबंधों को भी सड़क के रूप में विकसित किए जाने की योजना है।

बिहार सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि जिस जिले में विभाग की सड़क नहीं है वहां ग्रीनफील्ड मतलब कि नई सड़क बनाकर बाईपास बनाया जाएगा। फिर भी नई सड़क के निर्माण में अवरोध होने की स्थिति में सड़क को एलिवेटेड रोड बनाकर उसे बाईपास की तरह इस्तेमाल में लाया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने यह भी बताया कि परियोजना को शीघ्र ही धरातल पर उतारने के लिए बाईपास के चयन में इस बात का ध्यान रखा गया है कि जमीन अधिग्रहण की जरुरत कम से कम पड़े। बाईपास के रूप में निर्मित किए जानेवाले सड़को की चौड़ाई कम से कम सात मीटर होगी।

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24 जिले में हो चुका है बाईपास का निर्माण

बिहार के 24 जिले में बाईपास निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है । इसके साथ ही बिहार के 350 से अधिक प्रखंडों को दो लेन सड़कों से जोड़ा का काम पूरा किया जा चुका है। सरकार की योजना जिला मुख्यालयों को फोरलेन से जोड़ने की भी है, और इसके लिए कार्य की शुरुआत की जा चुकी है। बता दें कि अब तक में 19 जिला मुख्यालय 4 फोरलेन से जुड़ चुके हैं, 9 अन्य जिलों में भी इस पर काम किया जा रहा है जबकि अन्य 10 जिलों को फोरलेन मुख्यालय से जोड़ने की योजना है। इसके अलावा यहाँ बाईपास का निर्माण भी किया जाएगा

बाईपास निर्माण से एक तरफ लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी तो वहीं राज्य के किसी भी कोने से पटना की यात्रा पांच घंटे की रह जायेगी। प्रखंड मुख्यालय, थाना, अनुमंडल, महत्वपूर्ण स्थलों में बाजार, अस्पताल, महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान, धार्मिक परिसर, पर्यटक स्थलों में तक भी आवागमन में काफी सुविधा होगी।

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