Success Story: ठंड को लेकर भारत के लोगों में चाय को लेकर अलग क्रेज देखने को मिलता है. भारत के हर शहर के कोने-कोने में चाय के ठेले स्टॉल और दुकान देखने को मिलती है. पर क्या आप की लगता है कि चाय बेच कर कोई करोड़ों रुपए कमा सकता हैं! पर ऐसा कर दिखाया है नितिन सलूजा ने। जो लाखों की नौकरी छोड़कर चाय का बिजनेस करने लगें। आज उनके देश भर मे 200 कैफे हैं और 2000 का कारोबार है।
ऐसे देश मे अभी कई स्टार्टअप्स हैं जिनके फाउंडर्स युवा हैं। इसमे से ओला के भाविश अग्रवाल, ओयो के रितेश अग्रवाल, फ्लिपकार्ट के फाउंडर्स सचिन बंसल और बिन्नी बंसल जैसी शख्सियतों के नाम शामिल हैं. कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने स्टार्टअप शुरू किया बहुत लंबा है. लेकिन आज हम आपको एक दिलचस्प इंसान की कहानी बताएंगे. दिल्ली के गलियों में पले बड़े और वहा से निकलकर अमेरिका पहुंचे और फिर वहां पर नौकरी छोड़कर वह अपने देश आ गए. वही इंसान आज 2000 करोड़ की कंपनी खड़ा कर दिया है.
Success Story: कैसे हुई थी चायोस की शुरुआत
यह कहानी चायोस के को फाउंडर नितिन सलूजा की है. देश के तमाम शहरों में इसके आउटलेट्स देखने को मिलते हैं. कड़ी मेहनत के बदौलत नितिन सलूजा ने यह बड़ा मुकाम हासिल किया है. नितिन सलूजा के इस मेहनत में उनके दोस्त राघव वर्मा ने साथ दिया. साल 2012 में इसकी शुरुआत हुई थी.
IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग किए हैं नितिन सलूजा
नितिन सलूजा ने आईआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया है उसके बाद अमेरिका की एक बड़ी कंपनी में उन्होंने 5 साल नौकरी किया. यहां पर उन्हें लाखों रुपए का पैकेज मिलता था लेकिन वह नौकरी छोड़कर बिजनेस करने के लिए भारत आ गए.
चाय के साथ प्रयोग करने में रहे सफल
भारत में बड़े पैमाने पर चाय पिया जाता है. यहां पर नितिन और राघव ने चायोस ब्रांड को शुरू किया. दोनों ने 2012 में सबसे पहले गुरुग्राम में एक कैफे खोला था. उन्होंने अपने ब्रांड को लेकर कई प्रयोग किया और सभी में सफल हुए.
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दोनों दोस्तों ने विशेष प्रकार की चाय बनाना शुरू किया. इसमें मसाला चाय, जड़ी बूटियां के साथ मिलकर चाय तैयार किया जाता है. सबसे बड़ी बात है कि अलग-अलग वैरायटी के चाय को लोग बेहद पसंद करते हैं और अब चायोस एक बड़ा ब्रांड बन गया है.
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