LIC की बीमा एजेंट से खड़ी कर दी ट्रैक्टर कंपनी सोनालिका, आज है भारत के अमीरों में शामिल

भारत समेत दुनियाभर के अमीरों की जानकारी देने वाली मैग्जीन फोर्ब्स ने सोनालिका ट्रैक्टर्स के चेयरमैन लक्ष्मण दास मित्तल को भारत के 100 अमीरों की लिस्ट में जगह दी है. मैग्जीन के मुताबिक,  उनके पास कुल 2 कोड़ डॉलर यानी 15000 करोड़ रुपये की संपत्ति है. आइए जानें उनकी कहानी के बारे में… 

कहते हैं इंसान जब सफल होता है तो लोगों को सिर्फ उसकी सफलता दिखती है उसके पीछे हुई कड़ी मेहनत किसी को नही दिखती। लोग कड़ी मेहनत कर ऐसे मुकाम पर पहुंचते है जहां से वह लोगों के लिए एक प्रेरणा बन सके। भारत समेत दुनियाभर के अमीरों की जानकारी देने वाली फोर्ब्स मैगज़ीन ने सोनालिका ट्रैक्टर्स के चेयरमैन लक्ष्मण दास मित्तल को भारत के 100 अमीरों की लिस्ट में जगह दी है। जानकारी के मुताबिक, उनके पास कुल 2 करोड़ डॉलर यानी कि 15000 करोड़ की संपत्ति है। ऐसे में आज हम उनके बारे में कुछ ऐसी बातों को जानेंगे जो शायद ही किसी को पता है।

एलआईसी में बीमा एजेंट किया करियर की शुरुआत

साल 1955 में लक्ष्मण दास मित्तल ने अपनी करिअर की शुरुवात एक एलआईसी में बीमा एजेंट के तौर पर की थी। इस नौकरी के बाद वह फील्ड अफसर बने और फिर उन्होंने कई राज्यों में नौकरी की। अपनी नौकरी के दौरान ही लक्ष्मण ने बिज़नेस में कदम रखा। उन्होंने उस वक़्त उन्होंने नौकरी के साथ साथ एग्रीकल्चर मशीन बनानी शुरू की और साल 1990 में वह बतौर डिप्टी मैनेजर रिटायर हुए। फिर साल 1994 में लक्ष्मण ने ट्रेक्टर की मैन्यूफेक्चरिंग शुरू की. लक्ष्मण दास मित्तल ने अपनी उप्लब्धधियों के दम पर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान अपने नाम किये है जिनमे प्रतिष्ठित उद्योग रत्न पुरस्कार भी शामिल है. 

ऐसी है फैमली

बात करें अगर लक्ष्मण ने निजी जिंदगी की तो उनके तीन बेटे है जिसमे उनके सबसे बड़े बेटे अमृत सागर इस कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट है, जबकि तीसरे बेटे दीपक मित्तल कंपनी के एमडी है. वही उनके दूसरे बेटे न्यूयॉर्क में डॉक्टर हैं. इसके अलावा लक्ष्मणदास मित्तल के पोते सुशांत और रमन मार्केटिंग, प्रोडक्ट डिजाइन, इंवेस्टर रिलेशन और इंटरनेशनल बिजनेस संभालते हैं जबकि उनके एक और पोते राहुल परिवार का रियल एस्टेट बिजनेस देखते हैं. लक्ष्मणदास मित्तल की बेटी उषा सांगवान एलआईसी की एमडी रह चुकी हैं. उषा सांगवान एलआईसी की पहली महिला एमडी भी थी. दिलचस्प है कि इसी कंपनी में पहले लक्ष्मणदास मित्तल एजेंट हुआ करते थे।

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आज 120 देशों में ट्रैक्टरों का निर्यात करती है

साल 1969 में सोनालिका ग्रुप की स्थापना की गई जो दुनिया के दुनिया के 120 देशों में ट्रैक्टरों का निर्यात करती हैं। उस वक़्त लक्ष्मण ने यह सोच कर ये कंपनी नही बनाई थी कि एक दिन इसे इतना नाम मिलेगा लेकिन फिर उन्होंने साल 1995 में ट्रैक्टर तैयार करने का काम शुरू किया. इतना ही नही लक्ष्मणदास मित्तल ने अपनी कड़ी मेहनत और अपने बेटों के साथ मिलकर इंटरनेशनल ट्रैक्टर लिमिटेड को आज भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेक्टर निर्माता बना दिया है.

इन राज्यो मे काफी है पसंद

आज इतनी लगन और मेहनत के बाद उत्तर भारतीय राज्यों में लक्ष्मणदास मित्तल की आईटीएल का एक मजबूत कारोबार है. पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में सोनालिका के ट्रैक्टर को किसान खूब पसंद कर रहे हैं। लक्ष्मण की यह कंपनी साल भर में 3 लाख से ज्यादा ट्रैक्टर भी बनाती है. इसके अलावा 50 हार्सपावर से ज्यादा की मशीनों में लक्ष्मणदास मित्तल की कंपनी का दबदबा रहा है. लगभग 90 साल की उम्र में भी लक्ष्मणदास मित्तल कंपनी का कामकाज देखते हैं. इसके अलावा लक्ष्मणदास मित्तल अपना पारिवारिक बिजनेस सोनालिका इंप्लीमेंट्स को भी संभालते हैं. सोनालिका इंप्लीमेंट्स बुआई की मशीन और गेहूं के थ्रेसर बनाती है.

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