RC Transfer: गाड़ी ओनर की मृत्यु के बाद कैसे होती है आरसी ट्रांसफर? जाने क्या है प्रक्रिया

RC Transfer: कार के रजिस्ट्रेशन को लेकर अक्सर लोगों को अलग-अलग तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी कार के रजिस्ट्रेशन को ट्रांसफर कराना चाहते हैं, लेकिन आपको परेशानी हो रही है तो बता दे कि आपकी इस परेशानी का हल खुद सरकार ने ढूंढ निकाला है। दरअसल सरकार ने अब कार ट्रांसफर की प्रक्रिया को आसान कर दिया है। अब इस प्रक्रिया को आप ऑनलाइन ही आराम से कर सकते हैं, जिसके बाद मैच कुछ ही दिनों में नए नाम और ट्रांसफर हुआ रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी आपके घर भेज दिया जाएगा।

RC Transfer में आती है कई परेशानिया

वही आप चाहे तो ऑफलाइन प्रकिया के जरिए भी आसानी से कार के रजिस्ट्रेशन को ट्रांसफर करा सकते हैं। इसके लिए आपको आरटीओ में जाकर फॉर्म-29 और फॉर्म-30 को भरकर उसके साथ मांगे गए सभी डॉक्यूमेंट को अटैच कर वहां सबमिट करना होगा। इस दौरान आपको रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर फीस भी देनी होगी, लेकिन इस प्रक्रिया के आसान हो जाने के बाद भी लोगों के मन में कुछ सवाल घूम रहे हैं जिनमें से सबसे बड़ा सवाल यह है कि- अगर कार के ओनर की मृत्यु हो जाती है तो गाड़ी किसके नाम और कैसे ट्रांसफर होगी?

कार ओनर की मृत्यु के बाद कैसे होगी RC Transfer

कार ओनर की मृत्यु हो जाने पर कार को ट्रांसफर कराने के लिए एक पूरी प्रक्रिया बनाई गई है, जिसके तहत आपको कुछ दस्तावेज जमा करवाने होते हैं। यह प्रक्रिया बिल्कुल आसान है। इसमें आपको बस कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। ऐसे में आइए हम आपको कार ओनर की मृत्यु के बाद किन कंडीशन में कार को आप आसानी से ट्रांसफर करा सकते हैं, इस बारे में डिटेल में बताते हैं।

नॉमिनी के नाम आसानी से होती है कार ट्रांसफर

सरकार ने बीते कुछ सालों में कार रजिस्ट्रेशन में नॉमिनी का नाम देने का नियम भी बना दिया है। ऐसे में यदि आरसी में मृतक ने अपना नॉमिनी किसी को बना रखा है, तो नॉमिनी का ड्राइविंग लाइसेंस, कार रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, कार का इंश्योरेंस और साथ में आधार कार्ड डॉक्यूमेंट के तौर पर जमा किए जाते हैं। साथ ही मृतक की मृत्यु के बाद सर्टिफिकेट और फॉर्म नंबर 31 भी भर कर जमा करना होता है। इसी के साथ रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर की फीस भरने के बाद नॉमिनी के नाम का ट्रांसफर हो जाती है। नॉमिनी इसके बाद चाहे तो वह उस कार को बेच भी सकता है।

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यदि ना हो कोई वारिस

वहीं अगर आरसी में वारिस का जिक्र नहीं किया गया है, तो भी यह काम मुश्किल नहीं है। हालांकि इस कंडीशन में कार केवल मृतक व्यक्ति की पत्नी बेटे या बेटी के नाम पर ही ट्रांसफर करवाई जा सकती है। इस स्थिति में अगर व्यक्ति के खून के रिश्ते में कार को ट्रांसफर किया जाता है, तो इसके लिए जिसके नाम पर कार ट्रांसफर की जाएगी उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड, प्रूफ ऑफ सेक्सेशन, कार की आरसी, इंश्योरेंस, वाहन के मालिक का डेथ सर्टिफिकेट, पीयूसी और फॉर्म नंबर-31 जमा करना होता है। इसी के साथ उसमें मांगे गए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी आपको साथ में देने होते हैं

बिना RC के चलाई कार तो कट जाएगी जेब!

इसके साथ ही यह भी जान लें कि अगर आपने बिना गाड़ी ट्रांसफर करवाएं मृतक के नाम पर ही रख कर इस गाड़ी को चलाया, तो आपको कानूनन जुर्माना भी भरना पड़ेगा। इसके लिए आपको जेल भी हो सकती है और साथ ही चोरी के जुर्म में लंबी कानूनी कार्रवाई भी झेलनी पड़ती है।

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