भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल विनिर्माण कंपनी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनी मधुमिता अग्रवाल

आज कल कम्पटीशन वाली जिंदगी में महिला एंट्रेपेनेर काफी कम देखने को मिलती है। लोग ऐसा समझते है कि महिलाओं के लिए एंट्रेपेनेरशिप क्षेत्र नही हैं पर इन सारी बातों को नकारते हुए अपने आप में एक उदाहरण है मधुमिता अग्रवाल। OBEN इलेक्ट्रिक व्हीकल Pvt की सह-संस्थापक और भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल विनिर्माण कंपनी का नेतृत्व करने वाली मधुमिता अग्रवाल उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो बड़े सपने देखते है और उसे पूरा करने की काबिलियत रखते है पर कभी कभी अपने हौसलों से डगमगा जाते है।

मधुमिता ओडिशा के एक मध्यम वर्गीय परिवार से तालुकात रखती है और आज वह अपनी कंपनी की पहली स्कूटर बाजार में उतारने जा रही हैं। मधुमिता बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रही है और उन्होंने पहले बायोटेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर आईआईटी खड़गपुर से कानून की डिग्री ली. अपनी पढ़ाई के कुछ सालों बाद मधुमिता ने शादी कर ली और फिर अपने पति दिनकर अग्रवाल के साथ OBEN कम्पनी की नींव डाली थी.               

एक मीडिया हाउस बात करते हुए मधुमिता ने अपने संघर्ष के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “मैंने बायोटेक्नोलॉजी में अपनी इंजीनियरिंग की और फिर IIT खड़गपुर से कानून का अध्ययन किया. अपनी इंटर्नशिप के दौरान, मैंने अपनी क्षमताओं पर ध्यान दिया और 2016 में IPexcel की सह-स्थापक बनी.”  मधुमिता का ऐसा मानना हैं कि OBEN, EVs क्षेत्र में उनके संपर्क और काम का ही परिणाम है.

उन्होंने आगे बताया, ”मुझे लगता है कि मेरे लिए एक बड़ा अवसर है, इसीलिए मैंने तय किया कि यह मेरी यात्रा का अगला चरण है. बहुत खोजबीन करने के बाद मैंने महसूस किया कि मौजूदा उत्पादों की गुणवत्ता में बहुत कमियां हैं. यही कारण है कि हमने एक प्रीमियम स्कूटर बनाने का फैसला किया, जिसे भारत में ही बनाया गया है.”   

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मधुमिता का ऐसा मानना है कि EV सेक्टर में शामिल कुछ बड़े नामों के बावजूद भी प्रीमियम उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने वाले स्टार्टअप के लिए एक बाजार हैं। मधुमिता अपने सफर के उतार चढ़ाव के बारे में बात करते हुए बताया, ”किसी भी अन्य महिला उद्यमियों की तरह उनके लिए भी सफ़र आसान नहीं रहा. एक महिला उद्यमी के रूप में कुछ समस्याएं हैं, जिनका मैं भी सामना करती हूं.” 

वह आगे कहती है, ”सबसे पहले लोग आप पर तब तक विश्वास नहीं करते हैं, जब तक कि आप यह नहीं बता देते कि आप क्या हैं. यह हर उस महिला के लिए है, जो टेक डोमेन में है. मुझे लगता है कि हमें खुद को साबित करने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी. यह एक ऐसा समय है जब महिला उद्यमियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए. लिंग पर ध्यान न देते हुए उनके काम को देखना चाहिए.”  

मधुमिता इस क्षेत्र में कई सालों से है और उन्होंने कई उतार चढ़ाव भी देखे है। उन्होंने अपने अनुभव पर टिप्पणी करते हुए बताया कि किसी भी महिला उद्यमी के लिए सबसे बड़ा सहायक परिवार है. उन्हें अपने जीवनसाथी और परिवार का पूरा समर्थन मिला, जोकि बहुत महत्वपूर्ण है.

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