Interesting facts : सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य भले ही लाल रंग का दिखाई देता है लेकिन पूरे दिन सूर्य सफेद रंग का दिखाई देता है। आपके दिमाग में यह सवाल आता होगा कि आखिर सूर्य सफेद ही क्यों दिखाई देता है दूसरे रंग में क्यों नहीं। सूर्य की किरण में कई रंग मिले होते हैं और कभी-कभी आसमान में इंद्रधनुष भी नजर आता है लेकिन सूर्य हमेशा सफेद नजर आता है। तो आईए जानते हैं इसके पीछे की वजह।
प्राइमरी रंग दो प्रकार के होते हैं पहले जो प्रकाश के रंग के होते हैं उसे लाल हरा और नीला कहते हैं दूसरे जो पिगमेंट यानी पदार्थ के रंग होते हैं। इसका प्रयोग पेंटिंग के लिए किया जाता है जैसे लाल नीला पीला पिगमेंट पर जब प्रकाश पड़ता है तो वह सारे रंग अवशोषित हो जाते हैं और सिर्फ वही रंग परावर्तित करते हैं जिस रंग का वह पदार्थ होता है।
Also Read: आम आदमी की तरह बिहार के इस DM ने सरकारी अस्पताल में कराई पत्नी की डिलीवरी, बेटे का हुआ जन्म
जैसे ही आसमान में प्रकाश पड़ता है तो सारे रंग अवशोषित कर सिर्फ नीले रंग को परावर्तित करता है। इसलिए हमें केवल नीला रंग दिखाई पड़ता है इसका मतलब यह हुआ कि बाकी सारे रंग छुप जाते हैं।
Interesting facts : सूर्य सफेद क्यों दिखाई देता है
प्रकाश के रंग की बात करें तो यह जैसा होता है वैसा ही दिखाई देता है। प्रकाश अगर लाल रंग का होगा तो लाल नजर आएगा और अगर हर रंग का है तो हर दिखाई देगा। लेकिन अगर एक साथ दो रंग आ जाते हैं तो वह एक दूसरे से मिल जाते हैं जैसे कि लाल और हरे रंग को मिला दे तो पिला दिखेगा और इन रंगों मैं जुड़ने का गुण भी होता है।
सूरज की रोशनी हमें सफेद कभी-कभी इसलिए दिखाई देती है क्योंकि वह सारे प्राथमिक रंगों का मिश्रण होता है। यानी कि उसमें बहुत सारे प्राथमिक रंग घुले होते हैं। इसलिए समझिए कि अगर आप चाहे की पिगमेंट यानी पदार्थ के रंग मिलाकर सफेद बना ले तो यह संभव नहीं है क्योंकि इसमें वह गुण नहीं होता है।
Share on