बिहार में बिजली के बिल को लेकर आया नया नियम, दो करोड़ उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ

बिहार के बिजली उपभोक्ताओं (Good News For Electricity Users) के लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल राज्य के तमाम बिजली उपभोक्ताओं को बिलिंग के लिए जल्द ही नए सिस्टम (New Electricity System) की सौगात मिलेगी। बिजली कंपनी बिलिंग के लिए नए आईटी सिस्टम को लेकर जल्द ही टेंडर जारी करेगी और इस प्रक्रिया के जरिए एजेंसी का चयन किया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट पर सरकार की ओर से 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। क्या है बिहार के बिजली विभाग (Electricity Department) से जुड़े ये नहीं नियम…? आइए हम आपको डिटेल में बताते हैं।

बिहार में जल्द शुरू होगी नई बिजली व्यवस्था

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिजली कंपनी की जो वर्तमान व्यवस्था है, वह उतनी कारगर नहीं है। ऐसे में लगातार बढ़ रही उपभोक्ताओं की संख्या को देखते हुए अब सरकार तेजी से बिजली की दिशा में काम कर रही है। इस कड़ी में उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या के साथ सर्वर की क्षमता पहले की अपेक्षा कम हो रही है। इसलिए बिजली कंपनी दो करोड़ उपभोक्ताओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए नई बिल्डिंग व्यवस्था बनाने की तैयारी कर रही है।

आईटी कंपनी ही करेगी 5 साल तक सिस्टम का रखरखाव

गौरतलब है कि बिजली कंपनी द्वारा बिलिंग सिस्टम के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के स्तर पर नई संरचनात्मक व्यवस्था का इंतजाम भी किया जाएगा। इसके साथ ही इसके रखरखाव का जिम्मा भी उसी आईटी कंपनी को दिया जाएगा, जो इसे तैयार करने का काम संभालेगी। आईटी कंपनी का चयन टेंडर प्रक्रिया के आधार पर किया जाएगा।

बिलिंग सिस्टम के नए प्रारूप के मद्देनजर यह व्यवस्था भी की जा रही है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं एक ही प्लेटफार्म पर आ जाये। बता दे फिलहाल अभी यह व्यवस्था नहीं है। शहरी क्षेत्र के बिलिंग सॉफ्टवेयर पर एक निजी कंपनी का जिम्मा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र का काम एनआईसी के माध्यम से किया जाता है। वही एनआईसी की ओर से बिजली कंपनी को लेकर यह दावा किया गया है कि- वह अब इस काम को नहीं करेगी और वह अपने स्तर पर इसकी व्यवस्था खुद ही कर ले।

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राज्य भर में बढ़ाया जाएगा स्मार्ट प्रीपेड मीटर का दायरा

वहीं मामले पर बिजली कंपनी के आला अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर का दायरा बढ़ाने की वजह से आईटी की नई संरचनात्मक व्यवस्था की भी खास तौर पर जरूरत है। इससे जुड़े डाटा को सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं भी की जाएंगी। माना जा रहा है कि सिस्टम को शुरू किए जाने को लेकर राज्य कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे सुचारु रुप से शुरू किया जाएगा।

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