कितना रखना चाइये एसी का टेम्प्रेचर, कितना देर चलाने पर नहीं होगा शरीर पर कोई नुकसान, जानें

Best AC Temperature: गर्मी अप्रैल के महीने में ही रिकॉर्ड तोड़ रही है। दिल्ली एनसीआर में धूल भरी आंधी और शनिवार रविवार को हुई हल्की बारिश के वजह से तापमान में थोड़ी गिरावट देखने को मिली थी लेकिन सोमवार को एक बार फिर से तापमान में बढ़ोतरी हो गई। गर्मी से निजात पाने लिए लोग AC का इस्तेमाल करने लगे हैं।

रिसर्च में खुलासा हुआ है कि कमरे का तापमान आपकी नींद पर गहरा असर डालता है। नेशनल स्लिप फाउंडेशन स्कूल ने पोल किया था जिससे पता चला कि कमरे को ठंडा रखने से गहरी और अच्छी नींद आती है। हालांकि हर पांच में से चार लोगों ने कहा कि अच्छी नींद के लिए कमरे का तापमान बाहर के तापमान से कम होना जरूरी है।

डॉक्टरों की माने तो सुकून भरी और गहरी नींद के लिए कमरे का तापमान 18.3 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए। वहीं अधिकतर डॉक्टर का कहना है कि कमरे का तापमान 15.6 से लेकर 19.4 डिग्री सेल्सियस तक रहना जरूरी है। इससे शरीर को आराम मिलता है और अच्छी नींद आती है। कमरे के तापमान को कम करके आप अपने शरीर को यह संदेश देते हैं कि अब सोने का वक्त हो गया है।

जानिए बच्चों के कमरे का तापमान कितना रखें: Best AC Temperature

बहुत छोटे बच्चों को ठंड का जल्दी एहसास होता है। यही वजह है कि गर्मियों में उनके कमरे का तापमान 1 से 2 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रखना अच्छा माना जाता है। साफ शब्दों में कहे तो अगर कमरे का तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस तक रखा जाएगा तो बच्चों को अच्छी नींद आएगी। बच्चों का शरीर छोटा होता है और विकास के दौर में होता है यही वजह होता है कि आसपास के तापमान के लिए वह बड़ों से ज्यादा संवेदनशील होते हैं। छोटे बच्चों के कमरे का तापमान ज्यादा गर्म हो तो सडेन इफेक्ट डेथ सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है। यही वजह है कि बच्चों के कमरे का तापमान सही रखना जरूरी है।

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जानिए कैसे पता करें कि बच्चों को लग रही है अभी गर्मी?

डॉक्टर का कहना है कि छोटे बच्चों को भारी भरकम रजाई या कंबल नहीं डालना चाहिए। बच्चों को ऐसा कपड़ा डालना चाहिए जिससे उनके शरीर का तापमान मेंटेन रहे। बच्चों के गार्डन के पीछे का हिस्सा और पेट छूकर चेक करना चाहिए कि उनके शरीर का तापमान अधिक तो नहीं है।

जानिए नींद पर कैसे असर डालता है तापमान

नींद का चक्र हमारे सर्केडियन रिदम से कंट्रोल होता है. सर्काडियन रिदम सूर्य के प्रकाश और अंधेरे पर निर्भर करता है और इसे हाइपोथैलेमस में स्थित मस्तिष्क का एक हिस्सा नियंत्रित करता है। साफ तौर पर कहे तो कमरे का तापमान हमारे नींद पर गहरा असर डालता है। शरीर का तापमान आपके सोने के 2 घंटे पहले से घटना शुरू हो जाता है और इसके लिए स्लिप हार्मोन मेलाटोनिन जिम्मेदार माना जाता है।

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